घर के बाहर गुरु बच्चों के लिए अभिभावक से भी बढ़कर होते हैं। लेकिन अत्याधुनिक होती शिक्षा व्यवस्था में गुरु-शिष्य के बीच का ये रिश्ता जार-जार हो गया है। शिक्षकों में धैर्य खत्म हो गया है। छोटी-छोटी बातों पर ही शिक्षक हैवान बन जा रहे हैं। जबकि कानूनन भी छात्रों को शारीरिक दंड देने पर पाबंदी है। मिर्जापुर में एक ऐसा ही मामला सामने आया है। शिक्षिका की पिटाई से बच्चे का हाथ टूट गया है। बच्चों के परिजनों ने मिर्जापुर के जिलाधिकारी के सामने न्याय की गुहार लगाई है।

दरअसल, 15 अगस्त को देश की आजादी का जश्न मनाकर ये मासूम 16 अगस्त को स्कूल पहुंचा ही था कि स्कूल की हेडमास्टर ने उसे बुरी तरह पीट दिया। जिले के पहाड़ी ब्लॉक के चपगहना प्राइमरी स्कूल में पांचवीं में पढ़ने वाले बच्चे का कुसूर सिर्फ इतना था कि स्वतंत्रता दिवस की खुशी में वो अपना होमवर्क करना भूल गया था। परिजनों ने जब उसकी शिकायत आरोपी शिक्षिका से की तो उसने खेल के दौरान गिरने से चोट लगने की बात बताई। परिजनों ने आरोपी शिक्षिका के खिलाफ कार्रवाई के लिए शिकायत दर्ज कराई है।

वहीं इस मामले में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी का कहना है कि जांच में दोषी पाए जाने पर आरोपी शिक्षिका के खिलाफ कार्रवाई होगी। बच्चे होमवर्क करना अक्सर भूल ही जाते हैं। इसमें कुछ भी नया नहीं है। हम सभी ने भी कभी न कभी इस तरह की गलती की ही होगी। मासूम का हाथ तोड़ने वाली शिक्षिका ने भी अपने पढ़ाई के दिनों में इस तरह की गलती जरूर की होगी। ये स्वाभाविक है। लेकिन ऐसा क्या हो गया कि शिक्षिका ने बच्चे को इस कदर पीट दिया। ये तो शिक्षिका के सामने आने के बाद ही पता चलेगी। जो फिलहाल फरार है।

ब्यूरो रिपोर्ट, एपीएन

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