तमिलनाडू सरकार ने सूबे के तूतीकोरिन में लगातार हो रहे विरोध प्रदर्शन के बीच स्टरलाइट कॉपर वेदांता लिमिटेड के यूनिट को हमेशा के लिए बंद करने का आदेश दे दिया है। इस आदेश में राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से कहा गया है कि वेदांता ग्रुप के कॉपर प्लांट को हमेशा के लिए सील कर दे।
तमिलनाडू सरकार ने यह कार्रवाई 1974 के वाटर एक्ट के तहत की है। सरकार का कहना है कि अनुच्छेद 48-ए के तहत उसे ऐसा करने का अधिकार है। सीएम के पलानीस्वामी का कहना है कि राज्य के लोगों की भावना का सम्मान करते हुए फैसला लिया गया। खास बात है कि यह फैसला विधानसभा सत्र से एक दिन पहले लिया गया है।
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने तूतीकोरिन में स्टरलाइट के तांबा पिघलाने के संयंत्र के आसपास भूजल में आर्सेनिक और कैडमियम प्रदूषण पर नियंत्रण के प्रयासों के बारे में तमिलनाडु सरकार को स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश देने के लिये दायर याचिका पर शीघ्र सुनवाई से सोमवार को इंकार कर दिया।
बता दें कि वेदान्ता समूह द्वारा संचालित स्टरलाइट इंडस्ट्रीज के इस संयंत्र को बंद करने की मांग को लेकर तूतीकोरिन में प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की फायरिंग में कम से कम 13 व्यक्ति मारे गये और सैकड़ों जख्मी हुए, जिसके बाद पूरे प्रदेश में तनाव व्याप्त हो गया था।
दरअसल, स्थानीय लोग कथित प्रदूषण से स्वास्थ संबंधी अनेक परेशानियों और गिरते हुये भूजल स्तर को लेकर यह संयंत्र बंद करने की मांग कर रहे थे। जिसके बाद सरकार ने सोमवार को बड़ा कदम उठाते हुए इस स्टारलाइट प्लांट को हमेशा के लिए बंद करने का आदेश दे दिया।