मोदी सरकार के तीन साल बाद भी पूरब से लेकर पश्चिम तक और उत्तर से लेकर दक्षिण तक हर हर मोदी घर-घर मोदी का शोर सुनाई पड़ रहा है। यह हम नहीं हाल ही में हुए मीडिया सर्वे कह रहे हैं।  इस सर्वे के मुताबिक अगर देश में अभी चुनाव हो जाएँ तो केंद्र की सत्ता में फिर से मोदी सरकार को पूर्ण बहुमत पाने से कोई नहीं रोक सकता है।

मोदी सरकार के तीन साल पूरे हो गए हैं। ऐसे में मीडिया भी अपनी भूमिका को निभाते हुए सरकार के कामकाज, सरकार पर लोगों का भरोसा, सरकार से लोगों की उम्मीदें आदि जानने के लिए सर्वे कराती है। ऐसे ही एक सर्वे में यह आंकड़े सामने आये हैं इन आकड़ों के अनुसार तीन साल बाद भी मोदी का जादू जस का तस बरकरार है। ज्यादा दूर न जाएं तो कुछ महीने पहले पांच राज्यों में हुए चुनाव में चार राज्यों में बीजेपी ने अपनी सरकार बनाई जिसमें उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जैसे बड़े राज्यों में उसने तीन-चौथाई से भी ज्यादा सीट पाकर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई।

आज देश में भाजपा के करीब 1300 विधायक और सवा तीन सौ सासंद हैं। सर्वे के मुताबिक पूर्वी भारत के पश्चिम बंगाल, बिहार , ओडिशा, झारखंड में मोदी सरकार बढ़त बनाई हुई है। यहां लोग केंद्र की मोदी सरकार से खुश हैं। 2014 के चुनाव से तुलना करें तो आज पूर्वी भारत में बीजेपी को 16 सीटें अधिक मिल सकती हैं। वहीं उत्तर भारत के यूपी , राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली में मोदी को नुकसान होता दिख रहा है लेकिन ये नुकसान भी कुछ खास नहीं है और कुल 151 सीटों में एनडीए को 115, यूपीए को 16 और अन्य को 20 सीटें मिलने की संभावना है। यहां भाजपा को 15 सीटें कम मिलने की उम्मीद है। वहीं पश्चिम-मध्य भारत में एनडीए को हल्की बढ़त मिली है। जबकि दक्षिण भारत के तमिलनाडु, कर्नाटक,आंध्र, तेलंगाना राज्यों में एनडीए के वोट शेयर में बढ़ोत्तरी होती दिख रही है लेकिन सीटों के मामले में यूपीए को भारी बढ़ोत्तरी होने की संभावना है। इस तरह अगर पूरे देश में अभी चुनाव हुए तो 543 सीटों में एनडीए को 329 सीट, यूपीए को 105 और अन्य को 109 सीटें मिलने की संभावना है। लोकप्रियता के मामलें में भी मोदी को 42 प्रतिशत लोग पसंद करते हैं जबकि राहुल को 10 प्रतिशत लोग ।

यह सर्वे कितना सही होगा या कितना गलत यह तो 2019 लोकसभा चुनाव ही बताएगा।  मोदी- शाह की जोड़ी अभी तक धमाल मचाते आई है। चुनाव जीतने के बाद अन्य पार्टियों में आंतरिक कलह या मनमुटाव होना शुरू हो जाता है किंतु मोदी, शाह और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भाजपा को जिस तरह से संजोया है और पार्टी को एकत्रित किया है , उसकी तारीफ चारों तरफ हो रही है। अभी तो पार्टी का ध्यान आने वाले चार राज्यों के चुनावों पर केंद्रित है। कुल मिलाकर देखें तो विपक्ष के जोरदार विरोध,आरोप प्रत्यारोप और नोटबंदी जैसे कड़े फैसले लेने के बावजूद मोदी सरकार के कामकाज को देश के लोगों ने अपना समर्थन दिया है।

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