बिहार के बहुचर्चित मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बिहार पुलिस को फटकार लगाई हैं। कोर्ट ने ऐसा इसलिए किया है क्योंकि पुलिस पूर्व मंत्री मंजू वर्मा को गिरफ्तार करने में नाकाम रही है। कोर्ट ने अगली सुनवाई पर डीजीपी को तलब किया है। मामले की अगली सुनवाई 27 नवंबर को होगी।
बिहार की पूर्व मंत्री मंजू वर्मा की अब तक गिरफ्तारी न होने पर #SC नाराज़। राज्य के #DGP को 26 नवंबर को पेश होकर सफाई देने को कहा। मंजू के घर से भारी मात्रा में हथियार मिले थे। मंजू वर्मा राज्य की कल्याण मंत्री थीं। मुज़फ़्फ़रपुर कांड सामने आने के बाद उन्होंने इस्तीफा दिया था|
— APN न्यूज़ हिंदी (@apnlivehindi) November 12, 2018
सुनवाई के दौरान जस्टिस मदन बी लोकुर ने कहा- बहुत खूब! कैबिनेट मंत्री मंजू वर्मा फरार हैं, बहुत खूब। यह कैसे हुआ कि मंत्री फरार हैं और किसी को नहीं पता कि वह कहां है। मामले की गंभीरता को समझें कि मंत्री मिल नहीं रही हैं। यह बहुत हुआ। कोर्ट ने कहा, ‘हम हैरान हैं कि पुलिस एक पूर्व कैबिनेट मंत्री का महीने भर में सुराग तक नहीं लगा पाई। पुलिस बताए कि आखिर इतनी महत्वपूर्ण शख्स को अब तक ट्रेस क्यों नहीं कर पाई। डीजीपी कोर्ट में पेश हों।’
इससे पहले कोर्ट ने मंजू वर्मा की गिरफ्तारी न होने पर कहा था, ‘बिहार में कुछ भी ठीक नहीं है। पूर्व मंत्री छिपी हुईं हैं और सरकार को पता ही नहीं है। मंत्री की जमानत याचिका खारिज होने के बाद भी सरकार उन्हें गिरफ्तार करने में नाकाम रही है।’
क्या है मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस
मुंबई स्थित टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज की ओर से अप्रैल में बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग को एक रिपोर्ट सौंपी गई थी। इसमें पहली बार बालिका गृह में रह रही लड़कियों से कथित दुष्कर्म की बात सामने आई थी। टीम ने 26 मई को ये रिपोर्ट बिहार सरकार और मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन को भेजी थी। मामले के तूल पकड़ने के बाद पुलिस हरकत में आई।
जिसके बाद बालिका गृह में 34 नाबालिग लड़कियों के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया। पुलिस के मुताबिक, मुजफ्फरपुर के बालिका गृह में 41 लड़कियां थी और मेडिकल रिपोर्ट बताती हैं कि उनमें से 34 के साथ रेप हुआ था। मामले में 11 लोगों के खिलाफ 31 मई को एफआईआर दर्ज की गई। मामले की जांच बाद में सीबीआई को सौंप दी गई।
इसके अलावा मुजफ्फरपुर शेल्टर होम रेप कांड के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा का करीबी माना जाता है। इसी कांड को लेकर मंजू वर्मा को नीतीश कैबिनेट से इस्तीफा देना पड़ा था।