योगी सरकार को सत्ता में आए छह महीनें से ज्यादा का समय हो गया है। लेकिन इन छह महीनों में सुरक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में योगी सरकार की बड़ी नाकामयाबी देखने को मिली है। हालत यह हो गई है कि अब स्वास्थ्य सेवा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया से जुड़े एक केस की सुनवाई करते हुए यूपी की योगी सरकार से कई प्रश्न किए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उत्तर प्रदेश में डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया के मामले तो संख्या में कम है लेकिन इनसे हुई मौत के आंकड़े ज्यादा हैं।
दरअसल, दिल्ली में हो रही स्वास्थ्य सेवा में लापरवाहियों पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। इसी बाबत दिल्ली सरकार के वकील ने कोर्ट को कई आंकड़े दिखाए जिसमें उन्होंने दिल्ली की तुलना अन्य राज्यों से करवाया। एमिकस कोलिन गोंजालविस की तरफ से कोर्ट में बताया गया कि दिल्ली के अलावा देश के दूसरे राज्यों में डेंगू चिकनगुनिया और मलेरिया से हुई मौत के आंकड़े कहीं ज्यादा है।
ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी की स्वास्थय सेवा पर सवाल उठाते हुए कहा कि यहां की जो व्यवस्था है वो समस्याओं से निपट नहीं पा रही है। कोर्ट ने कहा कि इन बीमारियों का मुख्य कारण कूड़ा है और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट जरूरी है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, पर्यावरण मंत्रालय से पूछा है कि सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल को लेकर जारी अधिसूचना के लागू करने के लिए क्या कदम उठाए हैं? आंकड़ों के अनुसार सात अक्तूबर तक राजधानी में चिकनगुनिया के 368 मामले सामने आये थे जबकि इस अवधि में अखिल भारतीय स्तर पर इनका आंकड़ा 8,726 था।