नीतीश सरकार पर लगातार घोटालों के आरोप लग रहे हैं। बांध और सृजन घोटाले के बाद अब नीतीश सरकार पर महादलित विकास मिशन में घोटाले का आरोप लगा है। आपको बता दे कि बिहार में मुसहर, ढाढ़ी, धरही समेत लगभग 20 से अधिक महादलित जातियां हैं। राज्य सरकार ने इनके विकास और उत्थान के लिए महादलित विकास मिशन नामक एक योजना चलाई थी। अब इस योजना में कई अधिकारियों और कलेक्टरों द्वारा घोटाले की बात सामने आया है।

महागठबंधन टूटने के बाद प्रमुख विपक्षी पार्टी राजद नीतीश कुमार और जदयू को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ती। इस घोटाले के सामने आने के बाद सरकार पर वार करते हुए वरिष्ठ राजद नेता शिवानन्द तिवारी ने कहा कि हर एक घोटाले के सामने आने के बाद मुख्यमंत्री जी प्रेस कांफ्रेस करके एक रटा-रटाया जवाब देते हैं, ‘जाँच का आदेश दे दिया गया है, दोषी बख्शे नहीं जाएंगे। लेकिन कुछ समय के बाद कोई नया घोटाला सामने आ जाता है और मुख्यमंत्री जी फिर से वही रटी-रटाई बात करने के लिए प्रेस के सामने आ जाते हैं। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे हर एक विभाग में नए-नए घोटाले सामने आ रहे हैं उससे यही लग रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का रुतबा और इकबाल धीरे-धीरे खत्म हो रहा है।

तिवारी ने सरकार को घेरते हुए कहा कि बिहार के प्रशासनिक तंत्र में भ्रष्टाचार का घुन लग गया है। जहाँ हाथ डालिए सरकार की पोल वहीं खुल जाती है। यह सरकार घोटालों का रिकॉर्ड बना रही है, धान खरीद घोटाला, गर्भाशय घोटाला, मेधा घोटाला, दलित छात्रों की छात्रवृत्ति का घोटाला और अब महादलित मिशन घोटाला। आगे न जाने कितने और घोटाले उजागर होने के इंतजार में हैं।

वहीं सरकार इस मामले में कार्यवाही करते हुए जल्द ही कुछ आईएएस अधिकारियों की गिरफ्तारी की प्रक्रिया शुरू करने जा रही है। राज्य के निगरानी विभाग ने कहा कि उनके पास इस घोटाले के सम्बन्ध में पर्याप्त साक्ष्य हैं जिनके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में तीन आईएएस अधिकारियों को आरोपी बनाया गया हैं।

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