उत्तर प्रदेश पुलिस के दो पुलिसकर्मियों की लापरवाही इस वक्त महकमे में चर्चा का विषय बनी हुई है। मामला उस समय का है जब पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह अचानक गौतमबुद्ध नगर जिले के नोएडा स्थित आम्रपाली पुलिस चौकी का निरीक्षण करने पहुचे थे। ओपी सिंह जब आम्रपाली पुलिस चौकी का निरीक्षण करने पहुंचे तो पुलिसकर्मी उन्हें नहीं पहचान पाए। महकमे के सबसे आलाधिकारी के आने पर भी बिल्कुल बेपरवाह रहे। यहां तक कि सैल्यूट भी नहीं ठोका। वहीं जब तक उन्हें डीजीपी के बारे में खबर हो पाती, तब तक खिलाफ एक्शन की तैयारी हो चुकी थी।

निरीक्षण करने पहुंचे सीनियर अधिकारी का सम्मान करने के बजाय दारोगा और सिपाही डीजीपी से बहस करने लगे। जिस समय डीजीपी ओपी सिंह अचानक वहां पहुंचे उस समय चौकी इंचार्ज और सिपाही बिना वर्दी और कैप के थे। सब इंस्पेक्टर हरि भान सिंह और कॉन्स्टेबल योगेश कुमार से डीजीपी ने जब सवाल किये तो दोनों पुलिसकर्मी बहस करने लगे।

सिविल ड्रेस में डीजीपी के पहुंचने की सूचना मिलते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में एसएसपी मौके पर पहुंचे और अनुशासनहीनता करने वाले दारोगा और सिपाही को निलंबित कर दिया। कार्रवाई के पीछे अनुशासनहीनता की बात कही गई है।  डीजीपी के जाने के बाद थाने के पुलिसकर्मियों ने राहत की सांस ली।

रिपोर्ट्स के मुताबिक डीजीपी के पूछताछ करने पर ठीक से दारोगा और कांस्टेबल पेश भी नहीं आए थे। हालांकि एसएसपी ने इस बात को खारिज किया है। एसएसपी का कहना है कि डीजीपी से चौकी प्रभारी और कांस्टेबल ने कोई सवाल-जवाब नहीं किया था।

नोएडा पुलिस न तो डीजीपी को पहचान की और न ही उनका सम्मान नहीं कर पाई। अब सवाल ये है कि जब पुलिस के आला अधिकारी के साथ ही ऐसा व्यवहार देखने को मिला तो आम जनता के साथ पुलिसकर्मी कैसे पेश आते होंगे इसका अंदाजा आप खुद लगा सकते हैं।

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