उत्तर प्रदेश में महराजगंज जिले के सोहगीबरवा वन्य क्षेत्र राजकीय पक्षी सारस को रास आ रहा है और एक वर्ष में इसकी वंशवृद्धि 33 फीसदी बढ़ी है। सोहगीबरवा वन्य जीव प्रभाग के वनाधिकारी मनीष सिंह ने गुरूवार को बताया कि 36 स्थानों पर राजकीय पक्षी की बढोतरी दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि सारस गणना में सोहगीबरवा वन्य जीव प्रभाग प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है। राजकीय पक्षी का दर्जा प्राप्त सारसों की सख्या पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष 33 प्रतिशत बढ़े है।

वन विभाग के आकड़ों के अनुसार पिछले वर्ष ग्रीष्म कालीन सारस गणना में कुल 569 राजपक्षी पाए गए थे, लेकिन इस वर्ष हुई गणना में इनकी संख्या बढकर 761 हो गई है। इस वन क्षेत्र में 36 स्थानों पर इनके घोंसले एवं अंडे देखे गए हैं। उन्होंने बताया कि इसकी सुरक्षा के लिए वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट आफ इंडिया ने वन विभाग को सूचना भेज दी है। पिछले वर्ष बारिश के समय में कुछ स्थानों से सारस के अंडे बाढ़ में बह गए थे। इस बार इसके अंडो की सुरक्षा को लेकर विशेष ध्यान रखा जा रहा है ताकि राजकीय पक्षी वंशवृद्धि होती रहे।

सिंह ने बताया कि इसी के साथ इस वन्य क्षेत्र में धनेश (हार्नबिल) की संख्या में भी इस साल बढोतरी हुई है, हालांकि इस पक्षी अभी तक गणना नहीं हो सकी है। उन्होंने बताया कि जंगल के अंदर कुछ स्थानों पर इनके घोसले एवं अंडे भी दिखाई दिए हैं। जंगल के बाहर भी धनेश दिखाई दे रहे है। उन्होंने बताया कि धनेश एक पक्षी प्रजाति है जिनकी चोंच लंबी और नीचे की ओर घूमी होती है और अमूमन ऊपर वाली चोंच के ऊपर लंबा उभार होता है जिसकी वजह से इसका अंग्रेज़ी नाम हार्नबिल पड़ा है। ऊंचे एवं फलदार वृक्षों पर रहने वाला यह पक्षी जिला मुख्यालय के आस पास भी देखे जा रहे हैं।

भारत में इस पक्षी की नौ प्रजाति देखी गई है। सोहगी बरवा वन्य क्षेत्र में इनकी दो प्रजातियां देखी गई है। वनाधिकारी सिंह ने बताया कि जंगलों में मानव गतिविधियां कम होने से धनेश पक्षी की संख्या बढ़ रही है। क्षेत्र में फलदार एवं ऊंचे पेड़ बढ़ने पर इस पक्षी की संख्या में बढ़ोत्तरी होगी। सोहगीबरवा वन्य जीव प्रभाग पड़ोसी देश नेपाल के प्रसिद्ध रायल चितवन नेशनल पार्क तथा बिहार के बेतिया जिले में स्थित वाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्व फारेस्ट से जुड़ा है।

साभार-ईएनसी टाईम्स

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