उत्तर प्रदेश में झांसी स्थित बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में फेल हुए छात्र-छात्राओं के मामले को लेकर गरौठा से समाजवादी पार्टी (सपा) के नेताओं और छात्र सभा के अध्यक्ष ने गुरूवार को कुलपति से मुलाकात की। गरौठा से पूर्व विधायक दीपनारायण सिंह यादव और छात्र सभा अध्यक्ष दिग्विजय सिंह ने कुलपति से मुलाकात कर फेल हुए छात्राओं की आवाज को उठाते हुए मूल्यांकन की जांच कराने की मांग की।

गौरतलब है कि हाल ही में बुन्देलखंड विश्वविद्यालय के छात्रों का परिणाम घोषित हुआ था, जिसमें लगभग 80 से 85 प्रतिशत बच्चे फेल हो गए थे। इतनी बड़ी संख्या में फेल होने पर छात्रों ने गड़बड़ी होने की आशंका जताई। इस बड़ी संख्या में विद्यार्थियों के फेल होने के मामले को गम्भीरता से लेते हुए सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक टीम गठित कर जांच के आदेश दिए थे। जांच टीम में झांसी के गरौठा से सपा के पूर्व विधायक दीपनारायण सिंह यादव, एमएलसी श्रीमती रमा निरंजन, जिला अध्यक्ष छत्रपाल सिंह यादव, लोहिया वाहिनी प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप तिवारी और छात्र सभा अध्यक्ष दिग्विजय सिंह को शामिल किया गया है।

गठित की गई पांच सदस्यीय टीम गुरुवार को बुन्देलखंड विश्वविद्यालय पहुंची, जहां वह कुलपति से मिले और छात्रों की समस्या से अवगत कराते हुए मूल्याकंन में गड़बड़ी का आरोप लगाया और कहा कि बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ न किया जाए। बच्चो का भविष्य बर्बाद होने से बचाने के लिए कापियों को पुनः चेक किया जाए।

पूर्व विधायक ने आरोप लगाया, कि यह सरकार की सोची समझी साजिश है जिसका शिकार बच्चे हो रहे हैं। बच्चे दिन रात मेहनत कर परीक्षा दे रहे हैं उनके जीरो नंबर कैसे आ सकते हैं, यह संभव नहीं है। जिन अध्यापकों को एक दिन में 100 कापियां जांचनी चाहिए वे एक दिन में 1000 कापी जांच रहे हैं।

एमएलसी रमा निरंजन ने आरोप लगाते हुए कहा, कि बुंदेलखंड विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है और इसी पर हमने प्रशासन के साथ मुलाकात की है। हमने प्रशासन से कहा है कि जिन-जिन छात्रों को अपने नंबरों को लेकर संदेह है उनको उनकी कापियां दिखायी जाएं। साथ ही कापियों की दोबारा जांच कर मूल्यांकन करने की बात भी  रखी।

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