बीजेपी और शिवसेना के बीच काफी समय से चल रहे विवाद के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल आ गया है। बीजेपी की अहम सहयोगी रही शिवसेना ने आज बीजेपी को तगड़ा झटका दिया है। शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शिवसेना ने बीजेपी से अलग होने का एलान कर दिया है और 2019 के लोकसभा और राज्यसभा चुनाव बीजेपी से अलग होकर लड़ने का फैसला किया है।

बैठक में शिवसेना सांसद संजय राउत ने ऐलान किया है कि  पार्टी 2019 में होने वाले विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगी। बता दें कि शिवसेना महाराष्ट्र और केंद्र में बीजेपी की अहम सहयोगी है। महाराष्ट्र में दोनों दलों की मिलीजुली सरकार है।

उल्लेखनीय है कि शिवसेना और बीजेपी में राज्य और केंद्र स्तर पर संबंधों में लंबे समय से तनाव चल रहा है।दोनों पार्टी के नेता एक-दूसरे पर बयानबाजी कर रहे हैं। शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के जरिए हाल के दिनों में नरेंद्र मोदी सरकार की कई मुद्दों पर आलोचना की है। उद्धव ठाकरे ने कुछ दिन पहले ही धमकी दी थी कि अगर जरूरत हुई तो उनकी पार्टी एनडीए से अलग भी हो जाएगी।

कार्यकारिणी के बैठक में बोलते हुए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र की जनता ने जो विश्वास उन पर और पार्टी पर जताया है वह उसके आभारी हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी से अलग चुनाव लड़ने का फैसला काफी विचार करने के बाद लिया गया है। इसके साथ ही वह बोले कि चुनाव आते ही कई दलों को पाकिस्तान की याद आ जाती है।

ठाकरे ने कहा कि रोज सैनिकों की मौत हो रही है, कुर्बानी याद की जाती है, फिर हम सब भूल जाते हैं। उन्होंने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक का श्रेय लेने की गैरजरूरी कोशिश हो रही है। ये सेना का गौरव है। ठाकरे यहीं नहीं रूके उन्होंने पीएम के 56 इंच के छाती वाले बयान पर तंज कसते हए कहा कि छाती से कुछ नहीं होता उसमें हिम्मत कितनी है, गौरव कितना है यह अहम है।

ठाकरे कहा कि जब पीएम को कश्मीर के लोगों के साथ खड़े होना चाहिए था तब वे एक दूसरे मुल्क के पीएम के साथ पतंग उड़ा रहे थे। उन्हें कश्मीर में पतंग उड़ानी चाहिए थी। ठाकरे ने कहा कि अब पार्टी महाराष्ट्र के बाहर भी हिंदुत्व के मुद्दे पर चुनाव लड़ेगी।

आपको बता दें कि राज्य में अभी बीजेपी और शिवसेना की गठबंधन सरकार है। बीजेपी राज्य में सबसे बड़ी पार्टी है और पिछला चुनाव शिवसेना और बीजेपी ने अकेले अकेले ही लड़ा था। चुनाव परिणामों के बाद सत्ता समीकरण के चलते दोनों दलों में  गठबंधन हुआ था और बीजेपी के नेतृत्व में सरकार बनी थी।  महाराष्‍ट्र विधानसभा की स्थिति के अनुसार भाजपा+ सहयोगी- 122+ 1,  शिवसेना – 63, कांग्रेस – 42, एनसीपी – 41, एआईएमआईएम – 2  है। महाराष्‍ट्र में लोकसभा की स्थिति कुल – 48, भाजपा – 23, शिवसेना – 18 , कांग्रेस – 2 , एनसीपी – 4, स्‍वाभिमानी पार्टी – 1 है।

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