महाराष्ट्र की राजनीति में जबरदस्त भूचाल मचा हुआ है। राजनीतिक गलियारों में तूफान इस कदर आया हुआ है कि, शिव सेना की गठबंधन वाली सरकार खतरे में है। परमबीर की पत्र वाली आंधी में एनसीपी, कांग्रेस और शिव सेना की गठबंधन वाली सरकार उड़ने वाली है।

दरअसल मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह के इस्तीफे के बाद उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में परमबीर सिंह ने लिखा है कि, मुंबई पुलिस के पूर्व अधिकारी सचिन वाजे से एनसीपी नेता और गृहमंत्री अनिल देशमुख जबरन वसूली कराते थे। पत्र मीडिया में आते ही एनसीपी नेता अनिल देशमुख पर इस्तीफे का दबाव बढ़ गया है। पूरी कहानी को विस्तार से समझने और महाराष्ट्र की सत्ता को बचाने के लिए शरद पवार ने कई बड़े एनसीपी नेताओं को दिल्ली बुलाया है।

एनसीपी प्रमुख शरद पवार को सत्ता बचाने का चाणक्य माना जाता है। वे इस समय दिल्ली में हैं उन्होंने पत्र वाले मामले में चर्चा करने के लिए एनसीपी के दो बड़े नेताओं को दिल्ली बुलाया है। इस बैठक में उपमुख्यमंत्री अजित पवार और एनसीपी के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल शामिल होंगे। वो महाराष्ट्र से दिल्ली आएंगे।

भारतीय जनता पार्टी शिव सेना पर हावी हो गई है। महाराष्ट्र में पार्टी ने शिव सेना के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सभी बीजेपी नेता महाराष्ट्र में सड़क पर उतर गए हैं। वे उद्धव ठाकरे से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। बीजेपी नेता राम कदम ने ट्वीट कर लिखा है कि, “सरकार अब अग्नि परीक्षा से बच नहीं सकती”

सड़क से लेकर सोशल मीडिया पर शिव सेना और एनसीपी की आलोचना हो रही है। ट्विटर पर #MahaVasooliAghadi ट्रेंड कर रहा है। इसमें बीजेपी के सभी नेता ट्वीट कर रहे हैं। यहां पर एक बार फिर राम कदम ने एक वीडियो शेयर कर ट्रेंड का समर्थन किया है।

एंटीलिया केस की जांच NIA के हाथ में हैं। जांच के बीच उद्धव सरकार ने परमबीर सिंह का तबादला होमगार्ड विभाग में कर दिया था। शनिवार को उन्होंने सूबे के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नाम पत्र लिखा, जिसमें महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने सचिन वाजे से 100 करोड़ रुपये हर महीने कलेक्ट करने को कहा था। वहीं, इस मसले पर अनिल देशमुख ने ट्वीट कर कहा कि परमबीर सिंह ने खुद को कानूनी कार्रवाई से बचाने के लिए ऐसे आरोप लगाए हैं।

यह महाराष्ट्र विकास अघाड़ी का ही संयुक्त फैसला था कि हेमंत नागराले को नया पुलिस चीफ बनाया जाए ताकि मुंबई पुलिस में गंदगी को साफ किया जाए। हालांकि, उस वक्त तक सचिन वाझे को लेकर शिवसेना आलोचकों के निशाने पर थी, मगर परमबीर सिंह के लेटर बम के बाद अब चीजें बदल गई हैं और अब एनसीपी निशाने पर है।

बता दें कि, जब भी किसी मुद्दे को लेकर महाराष्ट्र सरकार की आलोचना होती है तो शिव सेना के दिग्गज नेता संजय राउत शायराना अंदाज धारण कर लेते हैं। एक बार फिर उन्होंने शायराना अंजाद में जावेद अख़्तर का एक शेर ट्वीट किया है।

गौरतलब है कि, एंटीलिया के बाहर जिलेटिन के छड़ों वाली स्कॉर्पियो मिलने के बाद उसे लेकर शुरू हुई जांच अब महाराष्ट्र सरकार तक पहुंचती नजर आ रही है। इस केस को लेकर सचिन वाजे एनआईए के गिरफ्त में है। इसी केस के कारण परमबीर का ट्रांसफर भी हुआ है। तमाम खबरों के अनुसार एंटीलिया के बाहर जिलेटिन रखने का काम सचिन वाजे ने ही किया था। इस केस की अभी जांच चल रही है। माहौल को देखकर तो यही लग रहा है कि, सरकार कभी भी गिर सकती है। खैर ये सभी बाते तो आने वाले समय पर निर्भर करती हैं।

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