नए कृषि कानून को लेकर अन्नदाता भरी ठंड में सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। कानून को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। पर सरकार अपनी बात पर अड़ी है। इस कानून के खिलाफ किसानों ने पहले पंजाब में दो माह तक प्रदर्शन किया। सरकार की तरफ से कोई आश्वासन न मिलने के बाद किसानों ने “चलों दिल्ली” नारे के साथ राजधानी का रुख किया।

बातचीत में अमित शाह होंगे शामिल

कोरोना का हवाला देते हुए सरकार ने किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से मना कर दिया। पर किसान दिल्ली, हरियाणा और यूपी बॉर्डर पर ही धरना देने लगे। करीब सात दिन धरने के बाद सरकार किसानों से बातचीत के मूड में आई है। आज दोपहर तीन बजे सरकार 32 किसान संगठनों के साथ वार्ता करेगी। बातचीत के लिए किसान रावाना हो चुके हैं। इस वार्ता की अगुवाई रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कर रहे हैं। वार्ता में गृह मंत्री अमित शाह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर शामिल होंगे।

बातचीत के दौरान  MSP पर भरोसा दिलवाया जाएगा। बीजेपी अपने शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से MSP-मंडी के मुद्दे पर भरोसा दिलवाएगी। इसके अलावा सरकार स्पष्ट कर सकती है कि कानून वापस नहीं होंगे, लेकिन किसी कमेटी का गठन हो सकता है। बातचीत से पहले कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि चर्चा सड़क पर नहीं हो सकती है, जब बात होगी तो हर विषय पर होगी। सरकार ने पहले भी किसानों से बात की है, फिर एक बार बिना किसी झिझक के मंथन होगा।

लिखित आश्वासन की मांग

किसान संगठनों की एक ही मांग है कि MSP पर सरकार पुख्ता वादा करे और इसे कानून में शामिल करे। किसान संगठनों को डर है कि मंडी से बाहर आते ही MSP पर असर पड़ेगा और धीरे-धीरे ये खत्म हो जाएगी। इन्हीं शंकाओं के चलते किसान लिखित में सरकार से आश्वासन चाहते हैं और MSP को कानूनी रूप दिलवाने पर अड़े हैं।

बता दें कि किसान प्रदर्शन के दौरान सरकार ने किसानों से बातचीत करन की पेशकश की थी पर यहां पर किसानों को कहा गया था कि यदि वे दिल्ली का जंतर-मंतर छोड़ कर बुराड़ी ग्राउंड में प्रदर्शन करेंगे तो कोई हल निकल सकता है।

कुल 500 किसान संगठन हैं

सरकार की इस शर्त को न मानते हुए किसान संगठनों ने बुराड़ी ग्राउंड जाने से मना कर दिया। साथ ही कहा वो मैदान खुली जेल की तरह है। करीब 500 किसान संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं। पर बातचीत के लिए केवल 32 किसान संगठनों को ही बुलाया गया है।

किसान आंदोलन के बीच देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कई बार कृषि कानून को लेकर अन्नदाताओं का भ्रम दूर करने की कोशिश किए पर किसान सरकार से वार्ता करने पर अड़े हैं। प्रधानमंत्री ने मन की बात के जरिए और वाराणसी में देव दीपावली के मौके पर किसानों को कृषि कानून को लेकर बताते हुए दिखे।

किसानों ने सड़के की जाम

दिल्ली में प्रवेश न मिलने के कारण किसान दिल्ली- यूपी बॉर्डर, दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर ही आंदोलन को आग देने लगे। इस कारण आने-जान वाले लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। आंदोलन के कारण ट्रैफिक बढ़ गई।….सरकार की तरफ से बातचीत को लेकर हरी झंडी मिलने के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि इस मसले का कोई हल निकल पाएगा।

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