तमिलनाडु में सत्ता की घमासान के बीच आय से अधिक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने AIADMK की महासचिव शशिकला नटराजन को दोषी करार दिया है। कोर्ट के फैसले के बाद यह साफ़ हो गया है कि शशिकला अब मुख्यमंत्री नहीं बन सकेंगी। इस फैसले ने पनीरसेल्वम और शशिकला के बीच चल रही कुर्सी की खींचतान को एक नया मोड़ दे दिया है। शशिकला पनीरसेल्वम को हटा खुद मुख्यमंत्री बनने के सपने संजोने में लगी थी। ऐसे में यह फैसला उनके राजनीतिक भविष्य के साथ पार्टी में उनकी अहमियत पर भी ग्रहण लगा सकता है।
आय से अधिक संपत्ति के इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शशिकला को चार साल की सजा सुनाई है। शशिकला को इसके साथ ही कोर्ट ने आत्मसमर्पण करने को भी कहा है। शशिकला को अब जेल जाना होगा। अब शशिकला 10 साल तक सीएम नहीं बन पाएंगी और 6 साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगी। हालाँकि उनके पास पुर्नविचार याचिका दायर करने का विकल्प है लेकिन उसमें भी अभी समय लगेगा।
शशिकला के साथ पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता भी इस मामले में दोषी थीं। जयललिता के खिलाफ आय से अधिक (66 करोड़ रुपये की ज्यादा की संपत्ति) का केस दर्ज हुआ था। ये मामला करीब 21 वर्ष पुराना 1996 का है, इस केस में जयललिता के साथ शशिकला और उनके दो रिश्तेदारों को भी आरोपी बनाया गया था। शशिकला के खिलाफ यह केस निचली अदालतों से होते हुए सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा है। इससे पहले 27 सितंबर 2014 को बेंगलूरु की विशेष अदालत ने जयललिता पर 100 करोड़ रुपये का जुर्माना और 4 साल जेल की सजा सुनाई थी। इस केस में अदालत ने शशिकला और उनके दो रिश्तेदारों पर भी 10-10 करोड़ का जुर्माना और चार साल की सजा सुनाई थी। विशेष अदालत के बाद मामला कर्नाटक हाईकोर्ट पहुंचा था हालाँकि 11 मई 2015 को हाईकोर्ट ने सबूतों के अभाव में चारों को बरी कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश ऐसे समय में आया है जब अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने तमिलनाडु के राज्यपाल सी विद्यासागर राव को सलाह दी है कि शशिकला और कार्यवाहक मुख्यमंत्री को बहुमत साबित करने को कहें और विधानसभा का विशेष सत्र बुला लिया जाए। इस मामले के जानकारों ने बताया कि रोहतगी ने कहा है कि ‘राज्यपाल को एक हफ्ते के अंदर विशेष सत्र बुलाना चाहिए और शक्ति परीक्षण कराना चाहिए जैसा कि जगदंबिका पाल प्रकरण में उच्चतम न्यायालय ने आदेश दिया था। यह सलाह अटार्नी जनरल ने जगदंबिका पाल से जुड़े उच्चतम न्यायालय के 1998 में आये फैसले के आधार पर दिया है। इस मामले में शीर्ष अदलात ने आदेश दिया था कि पाल एवं कल्याण सिंह में किन्हें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद के लिए बहुमत प्राप्त है,यह तय करने के लिए सदन में शक्ति परीक्षण कराया जाए।
शशिकला को सजा होने के बाद तमिलनाडु में जारी गतिरोध पर जहाँ बहुत हद तक ब्रेक लग जायेगा वहीँ पनीरसेल्वम को राज्यपाल बहुमत साबित करने का आदेश दे सकते हैं। शशिकला के विरुद्ध आये इस फैसले के बाद AIADMK में फूट पड़ने के आसार भी बढ़ गए हैं। अब जहाँ विधायक खुल कर अपना पक्ष और समर्थन दिखा सकेंगे वहीँ शशिकला को अब अपनी सजा के तीन साल और छः महीने जेल में गुज़ारने होंगे। शशिकला इसी मामले में इससे पहले 6 महीने जेल में रह चुकी हैं।