दिल्ली के अंदर जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने की इजाजत की मांग को लेकर चल रही सुनवाई पर किसानों को अदालत से फटकार लगी है। सुप्रीम कोर्ट ने किसानों से पूछा है कि क्या आपको देश के कानून पर भरोसा नहीं है? न्यायमूर्ति एएम खानविलकर की अगुवाई वाली पीठ ने सवाल किया कि किसान महापंचायत क्या चाहती है कि शहर के लोग अपना बिजनेस करना बंद कर दें?
पीठ ने कहा कि आपने पूरे शहर को बंद कर के रखा है। इसके बाद भी अब आप शहर में आकर प्रदर्शन करना चाहते हैं। दूसरी तरफ आप इस कानून के विरोध में अदालत में अर्जी दे रहे हैं, इसका मतलब है कि आपको देश के कानून पर भरोसा है। फिर आपको प्रदर्शन की क्या जरूरत है?
‘संतुलित दृष्टिकोण की जरूरत’: अदालत ने कहा कि नागरिकों को बिना डर के किसी भी जगह आने जाने का अधिकार है। आपको प्रदर्शन करने का अधिकार है, लेकिन यह दूसरों के अधिकार को देखते हुए ही होना चाहिए। पूरे मामले में संतुलित दृष्टिकोण की जरूरत है। संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का अधिकार किसी को नहीं मिल सकता है।
‘सरकार करे समाधान’ : भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि हाईवे हमने नहीं पुलिस ने ब्लॉक कर रखा है। सिंघू बॉर्डर पर भी अंदर तक गाड़ियां चल रही हैं। आगे के बॉर्डर हटा दें तो गाड़ियां आगे निकल जाएंगी। हमें भी परेशानी है। वो रोक देंगे तो हम आगे दिल्ली चले जाएंगे। हम चाहते हैं सरकार हमसे बात करके इसका समाधान करे।
बताते चलें कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान लगातार आंदोलन कर रहे हैं। पिछले लगभग एक साल से दिल्ली बॉर्डर पर किसान डटे हुए हैं। इधर केंद्र सरकार के साथ उनकी वार्ता भी काफी दिनों से बंद है।