SBI के अधिकारियों ने आरोप लगाया है कि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) के डेटा लीक होने और उसके गलत इस्तेमाल होने की आशंका जताई है। बैंक के मुताबिक के लॉगिन और बायोमैट्रिक पहचान का इस्तेमाल करके फर्जी आधार कार्ड बनाए हैं। बैंक के आरोप को खारिज करते हुए UIDAI ने अपनी सफाई पेश की है। UIDAI के अनुसार, “आधार डेटाबेस पूरी तरह से सुरक्षित है और इसके जरिए सुरक्षा के किसी भी प्वाइंट का उल्लंघन नहीं किया गया है। हालांकि, इस मामलें में बैंक अधिकारियों ने शिकायत भी दर्ज करवाई है।
बता दें कि, अन्य बैंकों की तरह ही SBI को भी आधार पंजीकरण का काम दिया गया जिसके लिए इसने एफआईए टेक्नोलॉजी सर्विस प्राइवेट लिमिटेड और संजीवनी कंसल्टेन्सी प्राइवेट लिमिटेड को चंडीगढ़ क्षेत्र के हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर और चंडीगढ़ केंद्रशासित प्रदेश का काम सौंपा गया था। इन एजेंसियों के साथ जुड़े 250 से ज्यादा ऑपरेटरों का काम रोक दिया गया या उन्हें ब्लैकलिस्ट कर दिया गया। इस वजह से एसबीआई के कई ब्रांच पर काम रूक गया और टारगेट से पीछे रह गया।
दोषी ऑपरेटर्स में से 40 साल का विक्रम भी शामिल था जिसे हरियाणा के जींद जिले के उंचा गांव में दस हजार रुपए के वेतन पर आधार कार्ड बनाने का काम मिला था। 26 दिसंबर 2018 को विक्रम पर UIDAI ने 33 लाख का जुर्माना लगाया था। एजेंसी के मुताबिक 9 नवंबर से 17 नवंबर के बीच अपने आईडी का इस्तेमाल कर फर्जी दस्तावेजों के सहारे आधार कार्ड बनाए थे। यह पूरा फर्जीवाड़ा 143 डिवाइस का इस्तेमाल करके किया गया था। एसबीआई ने यह मुंबई मुख्यालय में उठाया जिसने बाद में इसे UIDAI के सामने उठाया। SBI के मुताबिक एक से ज्यादा स्टेशन आईडी उन्होंने नहीं बनाए बल्कि यह एजेंसी के सिस्टम की खामी की वजह से यह संभव हुआ होगा।
सबसे बड़ी खामी यह सामने आई कि विक्रम के व्यक्तिगत बायोमैट्रिक का इस्तेमाल करके आधार कार्ड बनाये गए और उनका इस्तेमाल इनकम टैक्स, महाराष्ट्र सरकार, मध्यप्रदेश सरकार और कई बैंकों से पैसे निकलने में हुआ मगर आधार की एजेंसी ने किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। एसबीआई के जांच में विक्रम को निर्दोष पाया गया और बैंक ने एजेंसी से विक्रम को वापस काम पर लौटने की अनुमति देने का अनुरोध किया।
एजेंसी का पक्ष जानने के लिए टाइम्स ऑफ इंडिया ने UIDAI के सीईओ को 4 जनवरी 2019 को मेल भेजकर जवाब मांगा। एजेंसी ने 19 जनवरी को अपने जवाब में मामले की जानकारी देने से इनकार करते हुए जांच की बात को स्वीकार किया। विक्रम के अलावा सभी ऑपरेटर काम पर लौ चुके हैं। आधार कार्ड की एजेंसी ने सुरक्षा के तौर पर आधार ऑपरेटर के पंजीकरण में एक नया चरण जोड़ा है।