सामना संपादकीय का BJP पर तंज, कहा-“क्या मणिपुर फाइल्स पर भी बनाई जाएगी फिल्म, PM मोदी जुटा पाएंगे इसे देखने की हिम्मत?”

Saamana Editorial: उद्धव गुट की शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जबरदस्त हमला बोला है।

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Manipur Violence: Saamana Editorial
Manipur Violence: Saamana Editorial

Saamana Editorial: मणिपुर में जारी जातीय हिंसा में महिलाओं के साथ बर्बरता देखने को मिली है। दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने की घटना ने पूरे देश का सिर शर्म से झुका दिया है। ऐसे में अब उद्धव गुट की शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जबरदस्त हमला बोला है। सामना संपादकीय में तीखा सवाल करते हुए पूछा गया है कि क्या अब मणिपुर फाइल्स नाम की फिल्म भी बनाई जाएगी और क्या इस फिल्म को देखने का सहस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर पाएंगे?

इतना ही नहीं सामना में पीएम मोदी को लेकर आगे लिखा गया है कि मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने वाले वीडियो पर पीएम मोदी ने जो थोड़ा बहुत भी बोला वो मूल मुद्दे को भटकाने वाला है।

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Saamana Editorial: “SC ने स्वयं संज्ञान नहीं लिया होता तो PM Modi ने मुंह नहीं खोला होता”

गौरतलब है कि बीते ढाई महीने से मणिपुर हिंसा की आग में झुलस रहा है। महिलाओं को नग्न कर घुमाने वाले वीडियो के वायरल होने के बाद यह मामला सुर्खियों में आया है। इसके बाद से ही देशभर में इस घटना पर गुस्सा जताया जा रहा है। इस बीच विपक्ष भी मोदी सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता है।

सामना में तो यहां तक लिखा गया है कि चूंकि मणिपुर राजनीतिक रूप से लाभदायक राज्य नहीं है। इसलिए मोदी वहां की घटनाओं को नजरअंदाज कर रहे हैं। आगे ये भी लिखा गया है कि मणिपुर हिंसा को सर्वोच्च न्यायालय ने स्वयं संज्ञान में नहीं लिया होता तो इस गंभीर मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी ने मुंह ही नहीं खोला होता।

Saamana Editorial: “प्रधानमंत्री ‘मणिपुर फाइल्स’ फिल्म देखने का साहस दिखाएंगे क्या?”

सामना में लिखा है, ”बीते कुछ समय में ताशकंद फाइल्स, महिलाओं का केरल में धर्मांतरण, उनका आइसिस नामक आतंकी संगठन से कनेक्शन आदि को लेकर द केरल स्टोरी बनाई गई। इसके अलावा कश्मीर में आतंकी कार्रवाइयों को लेकर ‘द कश्मीर फाइल्स’  फिल्म एक एजेंडे की तरह निर्माण की गई। ये टोली अब मणिपुर की हिंसा पर भी ‘मणिपुर फाइल्स’ फिल्म बनाए। केरल स्टोरी का ‘पब्लिक शो’ लगाने वाली बीजेपी मणिपुर फाइल्स का इसी तरह से सार्वजनिक शो दिखाने की हिम्मत करेगी क्या? प्रधानमंत्री ‘मणिपुर फाइल्स’ फिल्म देखने का साहस दिखाएंगे क्या?”

सामना में लिखा है, “न्यायालय के चेताने पर प्रधानमंत्री मोदी को आपना 80 दिनों का मौन तोड़ना पड़ा। मन को झकझोर देने वाले एक वीडियो ने प्रधानमंत्री को मणिपुर हिंसा पर मौन भंग करने को मजबूर किया। परंतु वे जो कुछ भी थोड़ा-बहुत बोले वह हमेशा की तरह मूल मुद्दे को भटकाने वाला है। कुकर्मियों को बिल्कुल भी माफ नहीं किया जाएगा, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा। अब माफ नहीं करेंगे मतलब क्या? भ्रष्टाचारियों को माफ नहीं करेंगे, यह पीएम मोदी की गारंटी है। ऐसा बोले और दूसरे ही दिन कई कद्दावर भ्रष्टाचारियों को उन्होंने बीजेपी में शामिल करके मंत्री वगैरह बना दिया इसलिए प्रधानमंत्री की बातों को कितनी गंभीरता से लें?”

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