सुप्रीमकोर्ट की अवमानना का सामना कर रहे कोलकाता हाईकोर्ट के जज सीएस कर्णन ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस और संविधान पीठ को चिट्ठी लिखकर 14 करोड़ रुपए मुआवजा मांगा है।  कर्णन ने कहा है कि उनके खिलाफ की गई अवमानना की कार्यवाही से उनके सम्मान को ठेस पहुंची है।  उन्हें मानसिक रूप से परेशान किया गया है और उनकी बेइज्जती की गई है।  

78बता दें कोलकाता हाईकोर्ट के जस्टिस कर्णन ने 23 जनवरी को पीएम मोदी को एक पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने सुप्रीम कोर्ट और मद्रास हाईकोर्ट के जजों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे।  कर्णन ने पीएम को लिखी चिट्ठी में  20 जजों के नाम भी लिखे थे, और उनके खिलाफ करप्शन की जांच कराने की मांग की थी।  इस पर प्रतिक्रिया देते हुए CJI ने इसे कोर्ट की अवमानना बताया था।  इसके बाद सात जजों की एक खंडपीठ का गठन किया गया, जिसने जस्टिस कर्णन के खिलाफ कोर्ट के आदेश की अवमामना से जुडी कार्यवाही शुरू की गई।

इसके बाद अदालती कार्रवाई का सामना करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने दो बार जस्टिस कर्णन को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था, लेकिन कर्णन इस आदेश को अनसुना करते हुए कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए। फिर सुप्रीम कोर्ट ने 10 मार्च को जस्टिस कर्णन के खिलाफ गिरफ्तारी का वॉरंट जारी किया। कोर्ट ने उन्हें 31 मार्च से पहले अदालत में पेश किए जाने का भी आदेश दिया है।

हाई कोर्ट में जज के पद पर बैठे जस्टिस कर्णन द्वारा उठाये इस कदम की वजह से सुप्रीम कोर्ट पहले ही उनसे सारे न्यायिक और प्रशासनिक अधिकार छीन चुका है।

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