मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में सरकार आने के बाद सरकारी जमीनों से अवैध कब्जे खाली कराने को लेकर एंटी भूमाफिया पोर्टल बनाया है और अभियान चलाकर हजारों एकड़ भूमि खाली भी कराया गया है।  मुख्यमंत्री आगे भी अवैध जमीनों को खाली कराने का काम कर रहे हैं।

दिल्ली में यमुना किनारे उत्तर प्रदेश के सिंचाई विभाग की अरबों रुपये की भूमि पर पिछली सरकारों की मिलीभगत से रोहिंग्या ने अवैध कब्जा कर लिया है। इन जमीनों को भी योगी सरकार जल्द खाली कराएगी।

कहा जा रहा है कि, अवैध कब्जे के पीछे दिल्ली के एक विधायक और उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के तत्कालीन कुछ अधिकारियों ने अमह भूमिका निभाई है। पूरे मामले की जानकारी होने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त नाराजगी जताते हुए दिल्ली में सिंचाई विभाग की भूमि पर हुए अवैध कब्जे को खाली कराने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री के आदेश के बाद पिछले दिनों दिल्ली में सिंचाई विभाग की 21 हेक्टेयर जमीन में से छह एकड़ को खाली कराया था। उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की यमुना खादर में दिल्ली की सीमा में कुल 1007 हेक्टेयर जमीन है। ये जमीनें ओखला, जसोला, मदनपुर खादर, आली, सैदाबाद, जैतपुर, मोलरवंद और खुरेजी खास में हैं। इसमें सिंचाई विभाग की 20.9077 हेक्टेयर यानि 51.66 एकड़ जमीनों पर अवैध कब्जा है।

आरोप हैं कि दिल्ली के एक अल्पसंख्यक विधायक और उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के तत्कालीन अधिकारियों ने इन जमीनों पर मिलीभगत कर अतिक्रमण और अवैध कब्जे कराए थे।

आरोप है कि तत्कालीन सरकारों की सरपरस्ती में ही सिंचाई विभाग की इस जमीन पर रोहिंग्या को बसाया गया था। लेकिन योगी सरकार का शासन आते ही कोरोड़ों रुपये की जमीन को मुक्त करा लिया गया है।

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