भारत का पड़ोसी देश बांग्लादेश में 25 मार्च से ही हिंसक प्रदर्शन हो रहा है। देश की जनता टायर जला कर, सड़कों को जमकर और निजी संपत्तियों को तोड़ कर अपना विरोध जता रही है। कहा जा रहा है कि, इतने बड़े हिंसक प्रदर्शन के पीछे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। दरअसल बांग्लादेश के 50 साल पूरे होने और बांग्लादेश के फादर ऑफ द नेशन शेख मुजीबुर रहमान के जन्मदिवस पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले दिनों ही बांग्लादेश गए थे। पीएम मोदी के इस दौरे के बाद बांग्लादेश में अलग-अलग जगह हिंसक झड़प हो रही है।

भारतीय मीडिया और बांग्लादेश की मीडिया के अनुसार वहां की जनता पीएम मोदी से बेहद प्रभावित है। वे पीएम मोदी को काफी पसंद करते हैं। पीएम के दौरे पर बांग्लादेशियों का उत्साह साफ नजर आरहा था। अब सवाल ये है कि, जब वहां की जनता पीएम मोदी के दौरे से इतनी खुश है तो हिंसक प्रदर्शन क्यों हो रहा है। इसके पीछे भारत का सबसे बड़ा दुश्मन पाकिस्तान बताया जा रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के बाद बांग्लादेश में हिफाजत-ए-इस्लाम जगह-जगह हिंसक प्रदर्शन कर रहा है। इस बारे में बांग्लादेश की पार्लियामेंट ने लिखा था, ‘पाकिस्तान हाई कमीशन ढाका, हिफाजत-ए-इस्लाम को फंड दे रहे है, ताकि भारत और पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ प्रदर्शन किया जा सके, हम सेकुलर और लोकतांत्रिक देश हैं, जो इस कृत्य की निंदा करते हैं।’

कुछ समय बाद ही बांग्लादेश पार्लियामेंट का यह ट्वीट डिलिट हो गया था। इसके बाद बांग्लादेश पार्लियामेंट ने अपने अगले ट्वीट में कहा कि पाकिस्तान का कृत्य शर्मनाक है। कई लोगों का कहना है कि बांग्लादेश जमात-ए-इस्लाम पर प्रतिबंध लगने के बाद अब हिफाजत-ए-इस्लाम नाम से उसका संचालन किया जा रहा है, यह पार्टी देश में शरिया कानून लागू करना चाहती है।

हिंसा के बाद बांग्लादेश की जनता जागृत हुई लोगों ने ट्विटर पर हिंसा का विरोध करना शुरू कर दिया। बांग्लादेश के लोग #BangladeshAgainstTerrorism हैशटैग के जरिए झड़प का विरोध कर रहे हैं। हिफाजत-ए-इस्लामी का सीधे तौर पर किसी राजनीतिक पार्टी से तालुक नहीं है। यह कट्टरपंथी संगठन कौमी मदरसों के जरिए संचालित होता है। बांग्लादेश में 14 हजार कौमी मदरसे है, जिसमें करीब 14 लाख बच्चे तालीम हासिल करते हैं।

बता दें कि, हिफाजत-ए-इस्लामहिफाजत-ए-इस्लाम पाकिस्तान समर्थक राजनीतिक पार्टी है, जमात हमेशा 1971 में बांग्लादेश को मिली स्वतंत्रता के खिलाफ रही है। आज हालांकि उसके चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, लेकिन जमात विपक्षी पार्टी, बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के प्रमुख सहयोगियों में से एक है। यही कारण है कि, बांग्लादेश में पीएम मोदी का विरोध हो रहा है। पीएम मोदी से पाकिस्तान पहले से ही खौफ खाता है। अब अन्य देशों के जरिए पीएम का नाम बदनाम करने की पाकिस्तान कोशिश कर रहा है।

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