आम आदमी पार्टी दिल्ली में भ्रष्टाचार मुक्त शासन देने का वादा करके सत्ता में काबिज हुई थी लेकिन दिल्ली सरकार को लेकर नियंत्रक एवं लेखा महापरीक्षक (कैग) ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। कैग की रिपोर्ट में दिल्‍ली सरकार के कई विभागों में अनियमितताएं उजागर हुई है। भ्रष्टाचार मुक्त शासन का वादा करने वाली आप पार्टी पर कैग रिपोर्ट में  50 से अधिक मामलों में गंभीर भ्रष्टाचार के मामले सामने आए हैं।

इस रिपोर्ट को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने विधानसभा में पेश किया है। दिल्‍ली विधानसभा में सिसोदिया ने साफ कर दिया कि कैग रिपोर्ट के अनुसार किसी मंत्री या अधिकारी के कामकाज में अनियमितता पाई गई तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों पर निशाना साधते हुए कहा कि दोषी पर कार्रवाई होनी चाहिए।

इस मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि कैग द्वारा दिए गए भ्रष्टाचार या अनियमितता के प्रत्येक मामलों में सख्त कार्रवाई की जाएगी। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं होगा।

वहीं दिल्ली सरकार कैग रिपोर्ट में पाई गई अनियमिताओं व भ्रष्टाचार के मामलों की सीबीआई जांच कराएगी। इन सभी मामलों को सीबीआई को भेजा जाएगा। सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री के निर्देश पर विभागों को जांच के आदेश दिए गए हैं। साथ ही कहा गया है कि कैग रिपोर्ट का गंभीरता से अध्ययन किया जाए। इस दौरान संभावना है कि यह मामले और अधिक बढ़ जाएं।

दिल्ली प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा है कि नगर निगमों को जो केंद्रीय सहायता मिलती है उसे पाने के लिए उन्हें अपना अनुपात हिस्सा देना पड़ता है। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम साधन सम्पन्न है और उसने केंद्र की योजना का पूरा लाभ लिया। वहीं,  पूर्वी एवं उत्तरी दिल्ली नगर निगम समय पर फंड उपलब्ध नहीं होने के कारण केंद्रीय योजनाओं का लाभ जनता तक नहीं पहुंचा पा रही है।

कैग में हुए ये खुलासे

1.रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2014 से 2017 के दौरान वन विभाग सहित अन्य सरकारी विभागों को 36.57 लाख पौधे लगाने थे। लेकिन लगाए जा सके महज 28.12 लाख पौधे। इनमें से भी 8.42 यानि 23 फीसद रखरखाव न होने के कारण नष्ट हो गए। गंभीर वायु प्रदूषण से जूझ रही दिल्ली सरकार वृक्षारोपण में भी फिसडडी ही साबित हुई है।

2- रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारियों की लापरवाही से दिल्ली पावर कंपनी लिमिटेड (डीपीसीएल) को 60 करोड़ रुपये का दंड चुकाना पड़ा। इससे पूर्व भी इस तरह की लापरवाही सामने आ चुकी है ।

3- दिल्ली में मौजूद 68 ब्लड बैंकों में से 32 के पास वैध लाइसेंस नहीं हैं। इसके अलावा ज्यादातर ब्लड बैंकों में दान में मिले रक्त में एचआइवी, हेपेटाइटिस बी व हेपेटाइटिस सी जैसी गंभीर बीमारियों के संक्रमण का पता लगाने के लिए एनएटी (न्यूक्लिक एसिड टेस्ट) जांच भी नहीं की जाती।

4.स्वच्छ भारत मिशन के तहत 40.31 करोड़ रुपये का बजट होने के बावजूद पिछले ढाई सालों में दिल्ली में सार्वजनिक शौचालय का निर्माण नहीं किया गया। ग्राहकों को सरकार कैसे जगाएगी, इसका भी रोड मैप तक तैयार नहीं किया गया।

5- आप सरकार शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय सुधार का दंभ भरती है। जबकि कैग की रिपोर्ट बताती है कि तीन जिलों में करीब आठ हजार छात्र छात्राओं के लिए कोई खेल सुविधा विकसित नहीं की गई है। छह जिलों में खेल सुविधाओं के नाम पर केवल स्वीमिंग पूल हैं। इसी तरह वन विभाग ने पहले वृक्षारोपण का अपना लक्ष्य ही पूरा नहीं किया। जो किया, उसमें भी 23 फीसद पौधों को बचाया नहीं जा सका।

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