देश के 7 सांसदों और 199 विधायकों ने चुनाव आयोग को अपने पैन की जानकारी नहीं दी है। लोकसभा और विधानसभा चुनाव के दौरान उम्मीदवारों को नामांकन भरते हुए पैन की जानकारी देनी होती है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और नेशनल इलेक्शन वॉच ने 542 लोकसभा सदस्यों और 4,086 विधायकों के पैन डिटेल का एनालिसिस कर ये आंकड़े पेश किए हैं। संसद और राज्य विधानसभा का चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवारों को निर्वाचन अधिकारियों के समक्ष अपने नामांकन पत्रों के साथ अपने हलफनामों में पैन का विवरण भी देना होता है।

सबसे ज्यादा विधायक कांग्रेस पार्टी के
एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक पैन कार्ड नहीं देने वाले विधायकों में सबसे ज्यादा 51 विधायक कांग्रेस के हैं। जबकि सांसदों की संख्या एक है। दूसरे नंबर पर बीजेपी है। भाजपा के 42 विधायक ऐसे हैं जिन्होंने पैन कार्ड का विवरण नहीं दिया है। वहीं सांसदों में सभी ने दे रखी है। तीसरे नंबर पर माकपा है जिसके 25 विधायक हैं। भाकपा के 7, बीजद के 6 एआईडीएमके के 5 विधायक और 2 सांसद हैं जिन्होंने पैन कार्ड की जानकारी अभी छुपा रखी है। तृणमूल कांग्रेस के 5, जदयू के 3 विधायक ऐसे हैं जिन्होंने अपना पैन कार्ड विवरण अभी तक नहीं दिया है। वहीं 85 विधायक और 2 सांसद स्थानीय पार्टियों के हैं जिन्होंने अपना पैन विवरण नहीं दिया है।

सबसे ज्यादा केरल के विधायक
राज्यवार संख्या पर नजर डाले तो केरल के 33 विधायक हैं जिन्होंने अभी तक पैन कार्ड विवरण नहीं दिया है। मिजोरम में 28 और मध्य प्रदेश के 19 विधायकों ने अभी तक पैन कार्ड विवरण नहीं जमा किया है। वहीं 40 विधानसभा सीटों वाली मिजोरम के 28 विधायकों ने अभी तक अपने पैन कार्ड डिटेल उपलब्ध नहीं करवाएं हैं। वहीं सांसदों की बात करें तो ओडिशा से 2 (बीजेडी), तमिलनाडु से 2 (एआडीएमके) जबकि असम, मिजोरम और लक्षद्वीप से 1-1 सांसद हैं जिन्होंने पैन कार्ड विवरण नहीं दिया है।

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