बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाईटेड (जदयू) ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में अगले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर हुये सीट बंटवारे को लेकर विपक्षी दलों के बयान पर पलटवार करते हुये आज कहा कि महागठबंधन के घटक दलों की टिकट रांची के होटवार जेल से ही तय होगी। जदयू के प्रवक्ता और विधान पार्षद् नीरज कुमार ने यहां कहा कि महागठबंधन तो अभी से ही गहन चिकित्सा केंद्र (आईसीयू) में पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन में टिकट पाने वालों को तो झारखंड की राजधानी रांची जाकर होटवार जेल से टिकट फाईनल (तय) करवाना होगा।

नीरज कुमार ने कटाक्ष करते हुये कहा कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के पुत्र और विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव तो अनुकंपा की राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव को यह अधिकार नहीं कि वह महागठबंधन की पार्टियां और टिकट तय करें। प्रवक्ता ने कहा कि तेजस्वी यादव केवल ट्वीट कर अपनी ज्ञानक्षमता के मुताबिक बात रख सकते हैं लेकिन महागठंधन में सबकुछ तय होटवार जेल से ही होना है, जहां बहुचर्चित चारा घोटाला मामले में श्री लालू प्रसाद यादव सजा काट रहे हैं। उन्होंने कहा कि होटवार जेल में ही आवेदनों पर हरे और लाल कलम से हस्ताक्षर होना है।

नीरज कुमार ने कहा, “सबसे दुर्भाग्य कांग्रेस जैसी पुरानी पार्टी का है। कहने को तो यह सबसे पुरानी पार्टी है लेकिन दुर्भाग्य देखिए बिहार में यह पार्टी राजद की ‘बी’ टीम बनकर रह गई है। कांग्रेस प्रत्याशियों की टिकट टिकट भी होटवार जेल से ही तय हो रही है।” विधान पार्षद् ने कहा कि महागठबंधन में जीतन राम मांझी जी की पार्टी हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) भी शामिल है। मांझी न केवल बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके हैं बल्कि अनुभव और योग्यता में भी श्रेष्ठ हैं। लेकिन दुर्भाग्य है कि इन्हें भी या तो होटवार जेल में जाकर चरणवंदना करनी पड़ रही है या फिर अनुकंपा की राजनीति कर रहे तेजस्वी प्रसाद की चापलूसी करनी पड़ रही है।

उल्लेखनीय है कि अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर कुछ दिनों से चल रही खींचतान के बाद सहमति बनने के फॉर्मूले पर मुख्य विपक्षी राजद ने आश्चर्य व्यक्त किया।

राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी ने कल यहां कहा था कि बिहार में पिछले लोकसभा चुनाव में 22 सीटों पर जीत दर्ज करने वाली भाजपा और दो सीटों पर ही सिमटने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाले जदयू अगले वर्ष होने वाले लोकसभा का चुनाव बराबर-बराबर सीटों पर लड़ेगी। उन्होंने कहा कि सीटों के बंटवारे का यह फॉर्मूला बता रहा है कि भाजपा अगले चुनाव को लेकर कितनी सशंकित है।

                                                                                                          -साभार, ईएनसी टाईम्स

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