आरबीआई ने नोटबंदी के बाद जारी किए गए 2,000 रुपए के नोटों की छपाई कम कर दी है। यह न्यूनतम स्तर पर पहुंच गई है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि नोटों के सर्कुलेशन के आधार पर रिजर्व बैंक और सरकार की ओर से समय-समय पर करंसी प्रिंटिंग की मात्रा पर निर्णय लिया जाता है।

जब 2000 रुपए के नोट जारी किए गए थे तब यह फैसला लिया गया था कि आगे जाकर इन्हें कम कर दिया जाएगा। इस नोट को पुनर्मुद्रीकरण की जरूरतों को पूरा करने के लिए जारी किया गया था। मार्च 2017 के अंत में सर्कुलेशन में 2000 रुपए के 328.5 करोड़ नोट बाजार में थे।

एक साल बाद इसकी संख्या 336.3 करोड़ हो गई। मार्च 2018 के अंत में सर्कुलेशन में मौजूद कुल 18,037 अरब रुपए में से 37.3 फीसदी हिस्सा 2000 रुपए के नोटों का था, जबकि मार्च 2017 में यह हिस्सेदारी 50.2 फीसदी थी। नवंबर 2016 में 500 और 1000 रुपए के नोटों को चलन से बाहर कर दिया गया था। उस समय कुल करंसी में इनकी हिस्सेदारी 86 फीसदी थी।

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