पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में घुसकर आतंकी ठिकानों पर की गई सर्जिकल स्ट्राइक की दूसरी सालगिरह का जश्न मोदी सरकार बेहद धूमधाम से मना रही है। पूरे देश में तीन दिन का ‘पराक्रम पर्व’मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी ‘पराक्रम पर्व’ प्रदर्शनी का उद्घाटन करने जोधपुर गए। जोधपुर में प्रधानमंत्री ने सर्जिकल स्ट्राइक से जुड़ी एक प्रदर्शनी का उद्धाटन किया। इस प्रदर्शनी में सेना के हथियार और अन्य सैन्य उपकरणों को प्रदर्शित किया गया है। अभी ये तीन दिन इस तरह चलेगा राजनीतिक जानकार, बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के इस कदम को आम चुनाव से जोड़कर देख रहे हैं। हालांकि खबर है कि मोदी सरकार के इस फैसले से सेना के कई अफसर नाखुश हैं।

सेना के कई अधिकारियों का कहना है कि गुपचुप अंजाम दिए जाने वाले सैन्य मिशनों का राजनीतिक फायदे के लिए बेवजह प्रचार नहीं किया जाना चाहिए। अधिकारी खुलकर सामने तो नहीं आ रहे है लेकिन उनका कहना है कि सर्जिकल स्ट्राइक के वीडियो क्लिप लीक कर दिए गए। टीम के कुछ सदस्य टीवी चैनलों पर नजर आए, भले ही उनके चेहरे छिपा लिए गए हों। गुपचुप अंजाम दिए गए अभियानों को गुप्त ही बनाए रखा जाना चाहिए। पिछले साल कोई पराक्रम पर्व नहीं मनाया गया। इस साल रक्षा मंत्रालय ने अचानक से सेना को आदेश दिया कि वे बड़े पैमाने पर इसकी सालगिरह मनाएं, वो भी 51 शहरों में।

28 और 30 सितंबर 2016 की दरमियानी रात पाक अधिकृत कश्मीर में स्थित आतंकियों के 4 लॉन्चपैड्स को सर्जिकल स्ट्राइक के जरिए तबाह कर दिया गया था। अधिकारियों का मानना है कि ये ऑपरेशन बड़े स्तर पर हुआ था। हालांकि, सीमा पर पहले भी यूपीए के वक्त में ऐसे छोटे-छोटे ऑपरेशन अंजाम दिए जाते रहे। एनडीए सरकार ने सर्जिकल स्ट्राइक को जनता के बीच जाकर स्वीकारा। सर्जिकल स्ट्राइक एक ऐसा मुद्दा है, जिसपर केंद्र और विपक्षी दलों ने एक दूसरे पर जमकर निशाना साधा। बीजेपी और कांग्रेस में ये टकराव का बड़ा मुद्दा बना। विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि सेना के पराक्रम को बीजेपी राजनीतिक फायदे के लिए भुना रही है। वहीं, बीजेपी ने आरोप लगाया कि विरोधी दल सर्जिकल स्ट्राइक की प्रामाणिकता पर सवाल उठाकर सेना की काबिलियत पर ही प्रश्नचिह्न लगा रहे है। हालांकि अब सेना भी कह रही है कि चुनाव को देखते हुए राजनीतिक फायदे के लिए बेवजह प्रचार किया जा रहा है।

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