आरक्षण को लेकर देशभर में घमासान मचा हुआ है। कोई आरक्षण के साथ है तो कोई इसके खिलाफ है राजनीति दल आरक्षण के मुद्दे पर अपनी राजनीति रोटियां सेक रहा हैं। इसी बीच केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष रामविलास पासवान ने गरीब सवर्णों के लिए 15 प्रतिशत  आरक्षण देने की मांग की है।

रामविलास पासवान ने कहा कि प्रमोशन में आरक्षण के लिए भी सरकार सुप्रीम कोर्ट में पैरवी करेगी और अगर न्यायपालिका के जरिए इसका रास्ता नहीं खुलता है, तो सरकार इसके लिए भी अध्यादेश लाएगी।

रामविलास पासवान पहले ही न्यायपालिका में आरक्षण की मांग पहले ही कर चुके हैं। उनकी पार्टी लगातार इस बात की मांग करती आ रही है कि हाल में सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जातियों के बारे में जो फैसला दिया है, उसे अगर पुनर्विचार याचिका के बाद भी बदला नहीं जाता है, तो सरकार इसके लिए भी अध्यादेश लाएगी। प्रमोशन में आरक्षण दिए जाने की मांग रामविलास पासवान लंबे समय से करते आ रहे हैं। उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले की वजह से यह बहुत दिनों से रुका हुआ है और इसे ठीक करने की जरूरत है।

उच्च न्यायालय में आरक्षण की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि जजों की बहाली का वर्तमान तरीका ठीक नहीं है और इसके लिए इंडियन जुडिशियल सर्विस का गठन होना चाहिए।

वहीं, दलितों की रक्षा करने वाले कानून को कमजोर होने से विपक्ष सुप्रीम कोर्ट में नहीं रोक सका, लेकिन सरकार को इस बात की भी चिंता है कि दलितों को खुश करने के चक्कर में कहीं सवर्ण नाराज न हो जाएं। इसी बीच रामविलास पासवान ने अब दलितों को आरक्षण जारी रखने के साथ-साथ प्रमोशन में आरक्षण देने और गरीब सवर्णों को आरक्षण देने की बात कहकर एक नया दांव चल दिया है।

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