उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि राम मंदिर निर्माण की तैयारियां शुरू की जाएं। गोरखपुर में स्थित गोरखनाथ मन्दिर से भव्य विजय शोभायात्रा शुरू निकाली गई। विजय शोभायात्रा के दौरान सीएम योगी ने मंच से लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि रामलीलाओं की भव्यता के साथ-साथ समाज के इस भव्य मंदिर को भी उसी रूप में बनाने की तैयारी हमें करनी चाहिए। जिस प्रकार से भव्य मंदिर के रूप में रामलीलाओं का आयोजन हम करते हैं। विजय शोभायात्रा के दौरान एक मंच से बोलते हुए सीएम योगी ने इशारों ही इशारों में भव्य राम मंदिर निर्माण को लेकर अपनी मंशा जाहिर कर दी।
गुरुवार को ही एक कार्यक्रम में बोलते हुए शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा था कि अगर बीजेपी सरकार राम मंदिर का निर्माण नहीं करा रही है तो हम राम मंदिर का निर्माण कराएंगे। शिवसेना अध्यक्ष ने कहा, ”राम मंदिर बनाओ नहीं ती हम मंदिर बनाएंगे। यह एक पवित्र काम है। अगर आप मंदिर नहीं बना सकते तो आपके (बीजेपी) डीएनए में कुछ गड़बड़ है।” ठाकरे ने कहा, ”शिवसेना ऐसे नहीं समझाती, कान के नीचे बजाकर समझाती है।”
बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने गुरूवार (18 अक्टूबर) ने सरकार से अपील की थी कि वह कानून बनाकर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ करे। संघ द्वारा आयोजित वार्षिक विजयदशमी पर्व में बोलते हुए मोहन भागवत ने कहा था कि राम जन्मषभूमि के लिए स्थातन का आवंटन अभी बाकी है, जबकि साक्ष्योंक से यह स्परष्ट है कि उस जगह पर मंदिर था। यदि राजनीतिक हस्तबक्षेप नहीं होता तो वहां पर मंदिर काफी पहले ही बन गया होता। हम चाहते हैं कि सरकार कानून बनाकर निर्माण के मार्ग को प्रशस्तो करे।
मोहन भागवत ने कहा था, ”राष्ट्र के ‘स्व’ के गौरव के संदर्भ में अपने करोड़ों देशवासियों के साथ श्रीराम जन्मभूमि पर राष्ट्र के प्राणस्वरूप धर्ममर्यादा के विग्रहरूप श्रीरामचन्द्र का भव्य राममंदिर बनाने के प्रयास में संघ सहयोगी है। राम मंदिर का बनना स्वगौरव की दृष्टि से आवश्यक है, मंदिर बनने से देश में सद्भावना व एकात्मता का वातावरण बनेगा।” उन्होंने कहा कि कुछ तत्व नई-नई चीजें पेश कर न्यायिक प्रक्रिया में दखल दे रहे हैं और फैसले में रोड़े अटका रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिना वजह समाज के धैर्य की परीक्षा लेना किसी के हित में नहीं है। आरएसएस प्रमुख ने कहा, ‘‘राष्ट्रहित के इस मामले में स्वार्थ के लिए सांप्रदायिक राजनीति करने वाली कुछ कट्टरपंथी ताकतें रोड़े अटका रही हैं। राजनीति के कारण राम मंदिर निर्माण में देरी हो रही है।’’