तीनों कृषि कानूनों (3 Farm Law) को लेकर देशभर में पिछले एक साल से हो रहे प्रदर्शन को देखते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 19 नवंबर को बिल वापसी की घोषणा की थी। इस दौरान पीएम ने कहा था कि हम माफी चाहते हैं। शायद हमारी तपस्या में कोई कमी रह गई, हम किसानों को इस कानून के बारे में समझा नहीं पाए। यह कहते हुए पीएम ने बिल वापस लेने की घोषणा की। कृषि कानून वापसी विधेयक लोकसभा में भी पास हो गया है। पर किसान अब MSP पर अड़ गए हैं। किसानों का कहना है कि हम आंदोलन के पहले दिन से ही कह रहे हैं कि हमारी लड़ाई महज तीनों कानून को लेकर नहीं है बल्कि अन्य कानूनों को लेकर भी है।
Rakesh Tikait का ट्वीट
बिल वापसी के बाद राकेश टिकैत ने कहा था कि वह MSP मिलने तक बॉर्डर खाली नहीं करेंगे। टिकैत का कहना है कि सरकार उन्हें MSP पर गारंटी कानून बना कर दे। राकेश टिकैत ने सरकार पर फिर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि कई सत्ता पोषित अर्थशास्त्रियों को सरकार ने अपने बचाव के लिए आगे कर दिया है।
राकेश टिकैत ने ट्वीट कर लिखा कि किसान जब नरेंद्र मोदी कमेटी की 2011 में बनाई रिपोर्ट को लागू करने और MSP की क़ानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं, तो सरकार देश के आर्थिक तंत्र पर बोझ का रोना रोकर इससे बचने के रास्ते तलाश रही है… कई सत्ता पोषित अर्थशास्त्रियों को सरकार ने अपने बचाव के लिए आगे कर दिया है।
बता दें कि केंद्र सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) गारंटी कानून के लिए बनाई जाने वाली समिति के लिए पांच लोगों के नाम मांगे हैं लेकिन मोर्चा ने अभी नाम तय नहीं किए हैं। संयुक्त किसान मोर्चा आज कुंडली बॉर्डर पर किसान नेताओं के साथ बैठक करने वाला है। बैठक में बड़े ऐलान की उम्मीद है।
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