यूपी में 23 मार्च को 10 सीटों के लिए होने जा रहे राज्यसभा चुनाव में वोटों का गणित बैठाने के लिए सभी सियासी पार्टियां अंतिम रणनीति बनाने में जुटी हैं। समाजवादी पार्टी की तरफ से पांच सितारा होटल में विधायकों के लिए डिनर की व्यवस्था की गई तो वहीं बीजेपी ने सीएम आवास पर पार्टी बैठक आयोजित की। इसी कड़ी में बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने आज अपने विधायकों की बैठक बुलाई है। पूरे दिन बीएसपी के विधायक मायावती के साथ रहेंगे। इस दौरान उम्मीदवारों के समर्थन पर चर्चा होगी।
राज्यसभा चुनाव में बीसएपी को सेंध लगने की आशंका है, इसलिए एक-एक विधायक से मायावती खुद बात करेंगी। संसदीय उपचुनाव के बाद अब सभी की निगाहें राज्यसभा चुनाव पर टिकी है। गौरतलब है कि राज्यसभा की 10 सीटों के लिए 11 प्रत्याशी मैदान में हैं। बीजेपी के 8 और समाजवादी पार्टी के 1 उम्मीदवार की जीत तय है। 10वीं सीट के लिए बीएसपी के भीमराव अम्बेडकर और बीजेपी के अनिल अग्रवाल के बीच मुकाबला है। दरअसल, राज्यसभा की एक सीट के लिए 37 वोट चाहिए।
वोट के गणित के हिसाब से सपा के जया बच्चन के 37 वोट के बाद उसके पास 10 विधायक बचेंगे। बीएसपी के 19 और कांग्रेस के 7 विधायकों को मिलकर यह आंकड़ा 36 पहुंचता है जबकि बीजेपी समर्थित अनिल अग्रवाल को जीत के लिए 9 वोट जुटाने होंगे। वहीं सपा से बीजेपी में शामिल हुए सांसद नरेश अग्रवाल ने एलान किया है कि उनके बेटे और सपा विधायक नितिन अग्रवाल बीजेपी को वोट करेंगे। ऐसे में बीजेपी को एक वोट का फायदा, तो बीएसपी खेमे को एक वोट का नुकसान है।
इधर समाजवादी पार्टी की नजर बीजेपी से नाराज पूर्व सांसद रमाकांत यादव के विधायक बेटे के वोट पर भी टिकी है। इसके अलावा दोनों खेमों की नजर में 3 निर्दलीय, 1 राष्ट्रीय लोकदल और निषाद पार्टी के 1 विधायक पर भी है। वैसे, मौजूदा संख्या के आधार चुनावी प्रबंधन के कौशल से बीजेपी जीत का स्वाद चख सकती है।
ब्यूरो रिपोर्ट एपीएन