Nawab Malik और अनिल देशमुख को तत्काल राहत नहीं, Rajya Sabha Election में नहीं डाल पाएंगे वोट

दोनों पक्षों के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद विशेष अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के पहले के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि यह सच है कि विचाराधीन कैदियों के मतदान के अधिकार के संबंध में माननीय उच्च न्यायालयों के अलग-अलग विचार हैं।

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Rajya Sabha Election: Nawab Malik
Rajya Sabha Election: Nawab Malik

Rajya Sabha Election: बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को राज्यसभा चुनाव में मतदान करने के लिए एक दिन की रिहाई की मांग करने वाली मंत्री नवाब मलिक की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया है। उच्च न्यायालय ने मलिक को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) कोर्ट की पीठ के पास जाने को कहा जो जमानत याचिकाओं की सुनवाई करती है। राज्यसभा चुनाव से एक दिन पहले PMLA द्वारा राकांपा नेताओं नवाब मलिक और अनिल देशमुख को वोट डालने से रोकने के बाद दोनों राजनेताओं ने फैसले को चुनौती देते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट का रुख किया था।

Indian Rajya Sabha elections, 2018
Rajya Sabha Election

Rajya Sabha Election: ED ने याचिका पर जताया आपत्ति

गुरुवार को दोनों नेताओं ने मुंबई की विशेष अदालत में याचिका दायर कर उन्हें एक दिन के लिए रिहा करने की अनुमति मांगी थी ताकि वे उच्च सदन के चुनाव में मतदान कर सकें। इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने याचिकाओं पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि जनप्रतिनिधित्व कानून में कैदियों के पास मतदान का अधिकार नहीं है। पीएमएलए कोर्ट ने अपने आदेश सुनाते हुए कहा कि नेता “वोट के हकदार नहीं हैं” और राज्यसभा के लिए वोट डालने के लिए राज्य विधानसभा में जाने के लिए “पात्रता का दावा नहीं कर सकते”।

Nawab Malik
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वोट देने का अधिकार मौलिक नहीं है: विशेष अदालत

दोनों पक्षों के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद विशेष अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के पहले के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि यह सच है कि विचाराधीन कैदियों के मतदान के अधिकार के संबंध में माननीय उच्च न्यायालयों के अलग-अलग विचार हैं। यह अच्छी तरह से तय है कि वोट देने का अधिकार मौलिक अधिकार नहीं है बल्कि एक वैधानिक अधिकार है और सीमाओं के अधीन है।

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