Rajasthan REET Paper Leak: राजस्थान रीट पेपर लीक मामले में गहलोत सरकार की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। बता दें कि 26 सितंबर 2021 को राजस्थान में हुए रीट परीक्षा पेपर लीक होने पर राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए, फरवरी 2022 में राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा (REET) लेवल-2 की परीक्षा रद्द कर दी थी। परीक्षा रद्द करने पर अब राज्य सरकार की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं।
Rajasthan REET Paper Leak: क्या है पूरा मामला?
राजस्थान में ग्रेड थर्ड टीचर के 31 हजार पदों के लिए 25 लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों की पिछले साल सितंबर को रीट परीक्षा आयोजित करवाई गई थी। इसके 36 दिन बाद रीट का रिजल्ट जारी कर दिया गया था। इसमें से रीट के दोनों लेवल के 11 लाख चार हजार 216 अभ्यर्थियों को पात्र घोषित किया गया था।
इनमें लेवल-1 के लिए 3 लाख तीन हजार 604 और लेवल-2 के लिए 7 लाख 73 हजार 612 को पात्र घोषित किया गया था। लेकिन भर्ती परीक्षा का परिणाम जारी होने के बाद लेवल-2 के पेपर के लीक होने सबंधी विवाद के चलते सरकार ने लेवल-2 की परीक्षा को रद्द कर दिया।
बता दें कि राज्य सरकार ने एक ही एजेंसी के जरिए रीट लेवल- एक और लेवल- दो की परीक्षा आयोजित करवाई थी। जिसमें 25 लाख से ज्यादा अभ्यर्थी शामिल हुए थे। लेकिन सरकार ने 7 फरवरी को ऐलान किया कि वह केवल लेवल-2 की परीक्षा को ही रद्द कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ राज्य सरकार ने लेवल-1 की भर्ती प्रक्रिया भी शुरू कर दी। जबकि लेवल-2 को रद्द कर दिया।
वहीं अब छात्रों के विरोध को कम करने के लिए भर्ती में पदों की संख्या बढ़ाते हुए कहा कि कुल 62 हजार पदों पर भर्ती की जीएगी। लेवल-1 के 15 हजार 500 पदों के भर्ती की प्रकिया शुरू भी हो गई है। दूसरी तरफ 46 हजार 500 पदों के लिए 23 और 24 जुलाई को नए सिरे से परीक्षा का आयोजन किया जाएगा।
REET पेपर लीक पर विधानसभा में नक़ल विरोधी क़ानून
जिसके बाद अब विपक्ष के साथ साथ गहलोत सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायकों ने भी REET पेपर लीक को लेकर मोर्चा खोल दिया है। वहीं आपको बता दें कि REET पेपर लीक होने पर मचे हंगामे के बाद राजस्थान सरकार ने बृहस्पतिवार के दिन विधानसभा में नक़ल विरोधी क़ानून भी पेश कर दिया है।
राजस्थान सरकार ने भर्ती परीक्षा में धोखाधड़ी रोकने के लिए एक बेहद कड़ा कानून पास किया। इस कानून में परीक्षा में गड़बड़ी करने वालों के लिए 10 करोड़ रुपये तक जुर्माना और 5 से 10 साल की सजा का प्रावधान किया गया है। वहीं परीक्षार्थी को दो साल तक किसी भी परीक्षा में शामिल होने के अयोग्य करार दिया जायेगा।
अभ्यर्थीयों का क्या कहना है?
अभ्यर्थीयों का कहना है कि हम इस परीक्षा के लिए लम्बे समय से तैयारी कर रहे थे, परीक्षा रद्द करके राज्य सरकार ने हमारे साथ अन्याय किया है। रीट लेवल-2 में शामिल अभ्यर्थियों का कहना है कि चुनिंदा लोगों की वजह से परीक्षा को रद्द कर सरकार हजारों युवाओं का भविष्य खतरे में डाल रही है।
सरकार ने खुद स्वीकार किया है कि सिर्फ 200 से 300 लोगों के पास पेपर पहुंचा था। ऐसे में लाखों अभ्यर्थियों की परीक्षा को रद्द करने का सरकार का फैसला सरासर गलत है। सरकार ने केवल विपक्ष के दबाव में आकर परीक्षा रद्द करने का फैसला किया है। जिससे राजस्थान के हजारों युवाओं का भविष्य खतरे में आ गया है।
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