राहुल गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस का तीन दिवसीय महाअधिवेशन शुक्रवार से शुरू हो गया है। पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की अध्यक्षता में यह पहला अधिवेशन है। इसकी शुरुआत पार्टी की संचालन समिति ने की, जिसमें राहुल, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पार्टी के कई वरिष्ठ नेता भी शामिल हुए। दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में जारी इस बैठक में अधिवेशन में पास होने वाले विभिन्न प्रस्तावों को आखिरी रूप दिया जा रहा है। पार्टी इनपर मुहर लागाएगी और फिर इनकी चर्चा अधिवेशन के दूसरे दिन यानि आज दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में करेगी।

महाधिवेशन में पार्टी के अगले 5 सालों की दिशा और दशा के बारे में फैसला लिया जाएगा। यह अधिवेशन पूरी तरह से जमीनी कार्यकर्ताओं पर फोकस है। शनिवार और रविवार को अधिवेशन की शुरुआत राहुल गांधी के भाषण से होगी। कांग्रेस ने अधिवेशन के लिए आयोजन समिति, ड्राफ्टिंग कमेटी और उसके तहत चार उपसमिति और एक संविधान संशोधन कमेटी का गठन किया है। इस तीन दिवसीय अधिवेशन में पार्टी की भविष्य की रणनीति की दशा और दिशा तय होगी। यह अधिवेशन आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस पार्टी के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

इस अधिवेशन में देश से जुड़े विभिन्न मुद्दों के साथ साथ मोदी सरकार की कमियों को रेखांकित किया जाएगा। वहीं कांग्रेस राजनैतिक, आर्थिक, सामाजिक, अंतरराष्ट्रीय मामलों, राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों पर प्रस्ताव लेकर आएगी। इसके अलावा, कांग्रेस किसानों की समस्याओं, युवा और रोजगार की बढ़ती समस्या सहित गरीबी उन्मूलन, भ्रष्टाचार, राष्ट्रीय सुरक्षा दलितों और आदिवासियों की दयनीय स्थिति पर भी विचार करेगी।

अध्यक्ष बनने के बाद राहुल गांधी पहली बार कांग्रेस के महाधिवेशन में भाषण देंगे। 2019 में लोकसभा चुनाव है। कांग्रेस बीजेपी को घेरने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है। राहुल गांधी की अगुवाई में कांग्रेस 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ेगी। ऐसे में उनके भाषण पर सभी की नजरें गड़ी होंगी।

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