देश के कोने-कोने से एक के बाद एक महिलाओं के साथ रेप के सामने आ रहे मामलों ने एक बार फिर देश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़ा कर दिया है। कठुआ, उन्नाव, सूरत, और रोहतक रेप और आगरा एक्सप्रेस-वे पर चलती कार में रेप की घटनाओं से देश में महिला की सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं। जहां एक तरफ पीड़ित इंसाफ के लड़ रही है और पूरा देश उनके साथ है वहीं दूसरी तरफ इन मामलों को लेकर भी राजनेता अपनी राजनीति की रोटियां सेकने में लगे हैँ।

देश में बढ़ती रेप घटनाओं को लेकर विपक्षी दलों का कहना है। मोदी राज’ में महिला सुरक्षा के नाम पर केवल ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ जैसे नारे गढ़े गए, जबकि जमीनी स्तर पर स्थिति और गंभीर होती चली गई। कांग्रेस पार्टी का कहना है कि सरकार रेप के आरोपियों को सलाखों के पीछे तक पहुंचाने के बजाय उसे संरक्षण दे रही है।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज नाबालिग लड़की से जुड़े रेप का एक डाटा साझा करते हुए कहा कि अगर प्रधानमंत्री सच में बेटियों को न्याय दिलाने के प्रति गंभीर हैं तो फास्ट ट्रैक कोर्ट को केस सौंप दिये जाएं।

राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि 2016 में 19 हजार 675 नाबालिग से रेप के मामले सामने आए हैं जो शर्मनाक हैं। उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री अगर हमारे देश की बेटियों को इंसाफ दिलाने के लिए गंभीर है तो दोषियों को सजा दिलाने के लिए इन सभी मामलों को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ट्रांसफर करें।

आपको बता दें कि कई दिनों की चुप्पी के बाद कठुआ और उन्नाव जैसे चर्चित रेप केस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि मैं देश को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि कोई दोषी बच नहीं पाएगा। इंसाफ होगा। पूर्ण न्याय होगा। बेटियों को इंसाफ मिलेगा। हमें साथ मिलकर इस बुराई को समाज से समाप्त करना होगा।

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