इस वक्त कांग्रेस खेमा में पार्टी की कमान सौंपने को लेकर काफी विचार किया जा रहा है। माना जा रहा है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी को जल्द ही पार्टी की कमान सौंपी जा सकती है लेकिन इसमें अभी संशय बरकरार है। बताया जा रहा है कि राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष पद की कुर्सी पाने के लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ सकता है।

आगामी दो राज्यों (हिमाचल प्रदेश और गुजरात) में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, जिसके मद्देनजर आज सोनिया गांधी ने अपने आवास में एक अहम बैठक बुलाई है, जिसमें चुनाव को लेकर तो चर्चा की जाएगी, साथ ही माना जा रहा है कि इस बैठक में पार्टी की ताजपोशी की भी चर्चा की जाएगी। खबरों की मानें तो इस बैठक के बाद भी लगभग 10 से 12 दिन का वक्त राहुल की ताजपोशी मे लग सकता है। ये भी माना जा रहा है कि कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक अगले कुछ दिनों में बुलाई जा सकती है।

बता दें कि दिल्ली में राहुल गांधी ने विधायकों से मुलाकात की जहां विधायकों द्वारा पार्टी को मजबूत करने के सुझाव पेश किए गए। बिहार के प्रभारी सीपी जोशी की जगह जेपी अग्रवाल को प्रभारी बनाया जा सकता है। कई विधायकों द्वारा सीपी जोशी की कार्यशैली को लेकर नाराजगी प्रकट की गई थी।

खबरों के मुताबिक, राहुल को अध्यक्ष चुने जाने के लिए किसी तरह की वोटिंग नहीं होगी। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि लगभग सारी राज्य ईकाईयां, यूथ कांग्रेस और महिला मोर्चा आदि पहले ही राहुल को अध्यक्ष मानने को तैयार हैं।

हालांकि कांग्रेस की चुनावी जिम्मेदारी संभालने वाली सेंट्रेल इलेक्शन अथॉरिटी के अनुसार चुनावी प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली गई है, लेकिन इसके बावजूद राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने में कुछ और समय लग सकता है।

राहुल की ताजपोशी नवंबर तक खिंचने की कई वजहें हैं। वैसे पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी चाहें, तो ये काम वक्त में भी हो सकता है। इससे पहले चर्चा थी कि दीपावली के बाद चुनावी तारीखों का एलान हो जाएगा, लेकिन अब तक ये नहीं हो पाया है। पार्टी में एक राय यह भी है कि राहुल का चयन हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव के मतदान के बाद हो।

जैसा कि राहुल गांधी को 2014 लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी का उपध्याक्ष बनाया गया था।

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