मुंबई आतंकी हमले को आज 12 साल पूरे हो गए हैं। आज के दिन 2008 में पाकिस्तान से आए लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने मुंबई को बम धमाकों और गोलीबारी से दहला दिया था। एक तरह से करीब साठ घंटे तक मुंबई बंधक बन चुकी थी। आज भी ये जख्म भरा नहीं है। इस दिन को याद करते ही घाव ताजा हो जाते हैं। साथ ही आज संविधान दिवस भी है। इस मौके पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की जनता को संबोधित किया और कहा, देश से बड़ा कुछ भी नहीं है।

प्रधानमंत्री ने 26/11 हमले में शहीद जवानों और आम जनता को श्रद्धांजलि दी और कहा कि, हम वो जख्म कभी नहीं भूल सकते हैं। इस संबोधन में मोदी ने देश की जनता को एक बार फिर वन नेशन-वन इलेक्शन की बात याद दिलाई।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 2008 में पाकिस्तान से आए आतंकवादियों ने मुंबई पर हमला बोला था, इस गोलाबारी में हजारों लोगों की जान चली गई थी। पीएम मोदी ने कहा कि आज का भारत नई नीति-रीति के साथ आतंकवाद का सामना कर रहा है।

वन नेशन, वन इलेक्शन पर बात करते हुए पीएम ने कहा, वन नेशन, वन इलेक्शन की जरूरत आज के भारत को है। भारत मे आए दिन चुनाव होते रहते हैं। इसपर हमें ध्यान देना चाहिए। पीएम मोदी ने कहा कि अब हमें पूरी तरह से डिजिटलकरण की ओर बढ़ना चाहिए और कागज के इस्तेमाल को बंद करना चाहिए। आजादी के 75 साल को देखते हुए हमें खुद टारगेट तय करना चाहिए।

पीएम मोदी ने कहा कि संविधान की रक्षा में न्यायपालिका की काफी बड़ी भूमिका है। पीएम बोले कि 70 के दशक में इसे भंग करने की कोशिश की गई, लेकिन संविधान ने ही इसका जवाब दिया।इमरजेंसी के दौर के बाद सिस्टम मजबूत भी होता गया, उससे हमें काफी कुछ सीखने को मिला है। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हर नागरिक को संविधान को समझना चाहिए और उसके हिसाब से चलना चाहिए। लोगों को KYC यानी Know your Constitution पर बल देना चाहिए। विधानसभा की चर्चाओं के दौरान जनभागेदारी कैसे बढ़े, इसपर विचार करना चाहिए। जब सदन में किसी विशेष विषय पर चर्चा हो तो उनसे जुड़े लोगों को बुलाना चाहिए।

अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना काल में देश के लोगों ने संविधान पर विश्वास होने के नाते समर्थन किया है। संसद में इस बार तय वक्त से काफी अधिक काम हुआ है, सांसदों ने अपनी सैलरी में कटौती की है। पीएम बोले कि कोरोना काल में भी देश ने चुनाव किया, नियमों के अनुसार सरकार भी बन गई जो संविधान की ही ताकत है।

आखिर में प्रधानमंत्री कहते हैं, आज देश संविधान दिवस के मौके पर जश्न में डूबा है। हर किसी को कोई भी काम राष्ट्रहित को ध्यान में रखकर करना चाहिए। हर बात पर राजनीति नहीं करनी चाहिए।

 

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