जेडीयू के आपसी घमासान में अब शरद यादव गुट ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पार्टी के अध्यक्ष पद से हटा दिया है। जेडीयू कार्यकारिणी की बैठक में नीतीश को अध्यक्ष पद से हटाकर गुजरात से पार्टी विधायक छोटू भाई वसावा को कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।

बता दें कि रविवार को हुई जेडीयू की इस बैठक के बाद पार्टी के नेता अरूण कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि नीतीश कुमार को पार्टी अध्यक्ष नियुक्त करने के फैसले को रद्द कर दिया गया है। अरूण कुमार ने बताया कि श्रीवास्तव ने बताया कि बैठक में पार्टी की दिल्ली और उत्तर प्रदेश सहित 19 राज्य इकाइयों के अध्यक्षों और अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया।  साथ ही उन्होंने दावा किया कि शरद गुट ही वास्तविक जेडीयू है।

इसके अलावा नीतीश गुट द्वारा लिए गए पार्टी विरोधी फैसलों की समीक्षा के लिए अनुशासन समिति का भी गठन किया गया है। तीन सदस्यीय इस समिति की अध्यक्षता अरूण कुमार को ही दी गई है। पार्टी बैठक में नीतीश कुमार गुट की ओर से लिए गए सभी फैसलों को भी रद्द कर दिया गया। आपको बता दें कि नीतीश के इन फैसलों में महागठबंधन तोड़कर बीजेपी के साथ गठजोड़ करने का फैसला भी शामिल था।

साथ ही कार्यकारिणी ने सर्वसम्मत से यह पारित किया कि पूर्व में पार्टी उपाध्यक्ष अनिल हेगड़े के नेतृत्व में कराए गए सांगठनिक चुनाव गैर-संवैधानिक थे।

वहीं अब जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव को महागठबंधन बहाल करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। श्रीवास्तव ने शरद यादव की भविष्य की भूमिका के सवाल पर बताया कि उन्हें समाजवादी विचारधारा वाले दलों को साझी विरासत अभियान के माध्यम से एक मंच पर लाने और महागठबंधन को प्रभावी स्वरूप में गठित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। साथ ही कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी के चुनाव चिह्न सहित अन्य मामलों से जुड़े विवादों पर भविष्य की रणनीति तय करने के लिए जेडीयू महासचिव जावेद रजा की अध्यक्षता में चुनाव विवाद समिति गठित की गई है।

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