प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के दो साल पूरे होने वाले हैं। पेट्रोलियम मंत्रालय इस मौके पर राजस्थान के 599 गांवों को इस साल 5 मई को स्मोक-फ्री यानी धुंआ रहित घोषित करने वाला है। तेल उद्योग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को इस बात की जानकारी दी। दो साल में एलपीजी (लिक्विफायइड पेट्रोलियम गैस) के कनेक्शन्स 66 प्रतिशत से 85 प्रतिशत हो चुके हैं।

इंडियन ऑइल कॉर्पोरेशन के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर आर गर्ग ने बताया कि मंत्रालय देशभर के करीब 21 हजार गांवों को 5 मई को स्मोक-फ्री घोषित करेगा। इन सभी गावों में हर घर में एलपीजी कनेक्शन हैं और उन्हें खाना बनाने के लिए दूसरी तरीकों की सहायता लेने की जरुरत नहीं है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत अब प्रधानमंत्री आवास योजना के एससी/एसटी लाभार्थी,अंत्योदय अन्न योजना, जंगल में रहने वालों और अति पिछड़ा वर्ग के लोगों को भी लाभ मिलेगा।

सरकार ने राजस्थान में लाभार्थियों की संख्या 53 लाख से बढ़ाकर 88 लाख करने का लक्ष्य बनाया है। वहीं देशभर में यह लक्ष्य 5 करोड़ से बढ़ाकर 8 करोड़ किया जाएगा। अभी तक 3.6 करोड़ कनेक्शन दिए जा चुके हैं। इस लक्ष्य को पूरा करने और ग्रामीण इलाकों में एलपीजी के इस्तेमाल के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए मंत्रालय 20 अप्रैल को ‘उज्ज्वला दिवस’ मनाएगा ‘उज्ज्वला दिवस’ पर राजस्थान में 1106 एलपीजी पंचायतें बैठाई जाएंगी। पूरे देश में करीब 15000 पंचायतें बैठाई जाएंगी।

गर्ग ने कहा है कि हर एलपीजी पंचायत में करीब 500 महिलाओं के आने की उम्मीद है। उन्हें एलपीजी का इस्तेमाल करने वाले लोग उसके फायदे, सुरक्षित तरीके से इस्तेमाल करने के तरीके सेहत और पर्यावरण पर पड़ने वाले असर के बारे में बताएंगे। इसके साथ ही महिला सशक्तिकरण पर भी ध्यान दिया जाएगा।

मई 2016 को शुरू की गई योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे रह रहीं 26 लाख महिलाओं को नए एलपीजी कनेक्शन्स उपलब्ध कराए गए। इस स्कीम के तहत नए एलपीजी कनेक्शन के लिए साल 2011 के सेंसस के आंकड़ों से सामाजिक-आर्थिक आधार पर पात्रों का चयन कर 1600 रुपये दिए जाते हैं। अब सरकार इसका दायरा बढ़ानी की तैयारी में हैं।

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