प्रधानमत्री नरेन्द्र मोदी ने आज विश्व भर से भारत में निवेश करने का आहवान करते हुए कहा कि अभी ऐसा करने का सर्वश्रेष्ठ समय है। अपने गृहराज्य गुजरात की राजधानी गांधीनगर के महात्मा मंदिर में आज से 20 दिसंबर तक आयोजित द्विवार्षिक निवेश सम्मेलन वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट के नौंवे संस्करण के उद्घाटन सत्र में पांच देशों के राष्ट्राध्यक्षों समेत 115 देशों के 30 हजार से अधिक प्रतिनिधियों और भारत तथा विश्व के कई बड़े औद्योगिक समूहों के प्रमुखों की मौजूदगी में मोदी ने अपने संबोधन में पिछले चार साल में उनके सरकार की ओर से देश में कारोबारी सुगमता और आधारभूत संरचना के विकास आदि के लिए किये गये कार्यों का विस्तृत ब्यौरा देते हुए यह आहवान किया।

उन्होंने यह भी कहा कि मात्र चार साल में विश्व बैंक की कारोबारी सुगमता यानी इज ऑफ डूइंग बिजनेस संबंधित रिपोर्ट में भारत ने 65 स्थान की छलांग (142 से 77) लगायी है पर वह इतने से ही संतुष्ट नहीं है और उन्होंने अगले साल तक देश को इस मामले में शीर्ष 50 देशों की सूची में शामिल करने का लक्ष्य तय किया है। जापान के सुजुकी समूह समेत कई वैश्विक उद्योग समूहों के प्रमुखों और मुकेश अंबानी, गौतम अडानी, कुमार मंगलम बिरला, एन चंद्रशेखरन समेत कई शीर्ष भारतीय उद्योगपतियों की उपस्थिति मंश मोदी ने यह भी कहा कि उनकी सरकार के दौरान पिछले चार साल में 7.3 प्रतिशत के औसत सालाना दर से सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी की वृद्धि हुई है जो 1991 में देश में उदारीकरण की शुरूआत के बाद से अब तक किसी भी सरकार के लिए इस मामले में सर्वश्रेष्ठ आंकड़ा है। इसी तरह उनकी सरकार के दौरान औसत मुद्रास्फीति दर 4.6 रही है जो 1991 से अब तक की निम्नतम है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आज लगातार सबसे तेजी से विकास रह रही दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है। विश्व बैक और मूडीज जैसी साख निर्धारण एजेंसियों ने हमारी अर्थव्यवस्था में विश्वास जताया है। देश की चुनौती क्षैतिज और उर्ध्वाधर दोनो तरीको से विकास करने का है ताकि पिछड़े समुदायों तक विकास के लाभ पहुंचे और जीवन और आधारभूत्त सुविधाओं की गुणवत्ता को लेकर बढ़ी हुई अपेक्षाओं को भी पूरा किया जा सके। पिछले चार साल में उनकी सरकार का ध्यान सरकारी हस्तक्षेप को कम करने और सुशासन को बढ़ाना देने पर ही रहा है। उनका मंत्र सुधार, प्रदर्शन, रूपांतरण और पुन:प्रदर्शन का रहा है।

मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने कारोबार करने को सस्ता भी बनाया है। जीएसटी और कर प्रणाली के सरलीकरण के अन्य कदमों ने कारोबारी खर्चों में कटौती की है और प्रक्रिया को अधिक प्रभावी बनाया है। इसे डिजीटल प्रक्रिया और एकल बिंदु संपर्कों के जरिये और तेज बना दिया गया है। वह भारत में कारोबार को स्मार्ट बनाना चाहते हैं। पिछल चार साल में देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 263 अरब डॉलर रहा है जो पिछले 18 साल के कुल ऐसे निवेश का 45 प्रतिशत है। ऐसे निवेश के लिए 90 प्रतिशत मंजूरी ऑटोमेटिक प्रणाली से दी जा रही है। संयुक्त राष्ट्र की संस्था अंकटाड के अनुसार भारत दुनिया के दस सबसे पसंदीदा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश स्थलों में शामिल हो गया है। भारत दुनिया में स्टार्ट अप के सबसे बड़े आधार देशों में भी है। यहां विश्वस्तरीय इंजीनियरिंग सुविधायें हैं, जीडीपी मध्यम वर्ग की आय बढ़ रहीं है, एक बड़ा घरेलू बाजार है।

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने देश में विनिर्माण को बढ़ावा देकर अपने युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए कड़ी मेहनत की है। मेक इन इंडिया के जरिये होने वाले निवेश को डिजीटल इंडिया और स्किल इंडिया जैसे कार्यक्रमों के जरिये अच्छा सहयोग मिला है। उनकी सरकार ने नयी संस्थाओं और प्रक्रियाओं पर ध्यान दिया है जो केवल कारोबारी सुगमता के लिए ही नहीं बल्कि हमारे लोगों के जीवन में सहूलियत के लिए भी हैं।

-साभार, ईएनसी टाईम्स

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