Prayagraj Dharm Sansad: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Election 2022) से पहले प्रयागराज संगम के किनारे धर्म संसद का आयोजन किया गया है। इन दिनों देश के कोने-कोने से आए महान धर्माचार्यों का प्रयागराज में जमाबड़ा लगा है। वहीं से अभी एक विवादित बयान सामने आ रही है। छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड की धर्म संसद का विवाद अभी ठंडा भी नहीं पड़ा कि अब प्रयागराज की धर्म संसद (Prayagraj Dharm Sansad) में की गई विवादित बयानों की बौछार सुर्खियों में आ गई है।
Prayagraj Dharm Sansad में स्वामी आनंद स्वरूप ने दिया भड़काऊ बयान
दरअसल, धर्म संसद के आयोजक स्वामी आनंद स्वरूप ने ही भड़काऊ बयान दिया है। उन्होंने धर्म संसद को संबोधित करते हुए कहा कि चाहे देश का प्रधानमंत्री हो या उत्तरप्रदेश का मुख्यमंत्री हो, हिंदू राष्ट्र को कोई रोक नहीं सकता। अगर 1 हफ़्ते में यति महाराज और जितेंद्र त्यागी उर्फ वसीम रिजवी को नहीं छोड़ा गया तो भगत सिंह के जैसे असेम्बली कांड होगा। प्रयागराज धर्मसंसद में फिर दिए गए विवादास्पद बयान के बयान के बाद से स्वरूप आनंद का वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में साफ-साफ देखा और सुना जा सकता है कि आयोजक आनंद स्वरूप ने धर्म संसद के दौरान सरकार को किस प्रकार से खुली धमकी दी है।
Prayagraj Dharm Sansad में भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने का प्रस्ताव पारित
गौरतलब है कि इस धर्म संसद में भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने समेत तीन प्रस्ताव पारित किए गए हैं। जिसमें तीर्थराज प्रयागराज की धरती से हिंदू राष्ट्र की परिकल्पना को साकार करने का साधु-संतों ने संकल्प लिया है। बता दें कि पहले प्रस्ताव में धर्म संसद में मौजूद संतो ने भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित किया है, साथ ही प्रधानमंत्री और देश की संसद को धर्मादेश जारी कर संवैधानिक तौर पर भी देश को हिंदू राष्ट्र घोषित करने का फरमान सुनाया गया। वहीं एक प्रस्ताव में धर्मांतरण के मामलों को पूरी तरह से रोकने के लिए सख्त कानून की मांग की गई है। वहीं धर्मांतरण कराने वाले आरोपियों को फांसी की सजा दिए जाने की भी मांग की गई है।
वसीम रिजवी हिंसा भड़काने के आरोप में हैं गिरफ्तार
बता दें कि शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी को उत्तराखंड पुलिस ने अभद्र भाषा के मामले में गिरफ्तार किया था। बाद में स्थानीय अदालत ने उन्हें 14 दिनों के न्यायिक रिमांड पर भेज दिया था। त्यागी पर पिछले साल दिसंबर में हरिद्वार में आयोजित तीन दिवसीय सम्मेलन में अभद्र भाषा और एक समुदाय के खिलाफ हिंसा भड़काने का आरोप है।
कॉन्क्लेव का आयोजन जूना अखाड़े के यति नरसिम्हनंद गिरि ने 17 से 19 दिसंबर तक किया था, जो पहले से ही नफरत भरे भाषण देने और मुसलमानों के खिलाफ हिंसा भड़काने के लिए पुलिस की जांच के घेरे में है। घटना के कई क्लिप बाद में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर व्यापक रूप से प्रसारित किए गए, जिसकी कई नेताओं ने तीखी आलोचना की।
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