देश को आजाद हुए भले ही 70 साल हो गए किंतु रेलवे क्षेत्र में कोई बड़ा मुकाम भारत हासिल नहीं कर पाया है। इन सत्तर सालों में जहां अन्य देशों में बुलेट ट्रेन चलने लगी हैं वहीं भारत को अभी शायद दसों साल लगेंगे बुलेट ट्रेन की शुरूआत करने में। यही नहीं रेल हादसों में भी भारत ऊंचे पायदान पर है। सबसे खास बात ये है कि भारत में रेल हादसों पर हुए मनन-चिंतन के बाद ये पाया गया कि 80 फीसदी घटनाएं मानवीय चूक के कारण होती है। भारत में होते आए रेल हादसे ने सिर्फ भारत की जनता में ही उथल-पुथल नहीं मचाया बल्कि इसके कारण भारत की राजनीति में भी काफी उठा-पटक देखने को मिला।

जी हां, चार दिनों में उत्तर प्रदेश में हुए दो रेल हादसों से जहां पूरा देश आक्रोशित है वहीं सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा भी इन घटनाओं से बड़ी व्याकुल है। परिणाम ये हुआ कि आखिरकार रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने इन घटनाओं की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पीएम मोदी को इस्तीफा सौंप दिया जिसके बाद पीएम मोदी ने उन्हें धैर्य रखने और इंतजार करने को कहा है।

पिछले शनिवार को उत्तर प्रदेश के ही मुजफ्फरनगर में उत्कल एक्सप्रेस के पटरी से उतरने के चलते 22 लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे के बाद विपक्षी पार्टियों ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया था। सोशल मीडिया पर भी जनता में उबाल देखने को मिल रहा था। सुरेश प्रभु इस हादसे के साथ-साथ विपक्षी पार्टियों का कटाक्ष और जनता का गुस्सा भी वहन कर रहे थे। कि तभी आजमगढ़ से दिल्ली आ रही कैफियत एक्सप्रेस औरैया के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई जिसमें 100 लोग घायल हो गए। इस घटना के बाद शायद सुरेश प्रभु भी अपने आप को माफ नहीं कर पाए और उन्होंने ट्वीट कर इन घटनाओं की नैतिक जिम्मेदारी ली और मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।

याद दिला दें कि इसी तरह रेल हादसों के कारण ही लाल बहादुर शास्त्री ने तत्कालीन घटनाओं की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। तमिलनाडु के अरियालुर में 27 नवंबर 1956 को भीषण ट्रेन हादसा हुआ था। हादसे में करीब 142 लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे से दुखद शास्त्री जी ने इस्तीफा दे दिया था। 1999 में गैसल ट्रेन हादसा हुआ था। इस भीषण दुर्घटना में करीब 290 लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे के कारण तब के रेल मंत्री नीतीश कुमार ने भी इस्तीफा दे दिया था।

बता दें कि ऩए रेल मंत्री के लिए मनोज सिन्हा का नाम सबसे आगे है वहीं एनडीए के नए नए सहयोगी बने जद – यू से के सी त्यागी के नए रेल राज्य मंत्री बनने की भी अटकले जोरों पर हैं। मंत्री संतरी कोई भी बने, आम जनता के साथ साथ हम भी यही चाहेंगे कि रेल यात्रा वास्तव में सुखद और मंगलमय हो।  

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