केजरीवाल हर दिन नई मुश्किलों मे फंसते रहते हैं। डीडीसीए मुद्दे पर केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा दायर मानहानि केस में केजरीवाल पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट में झूठा हलफनामा दाखिल किया है। इतना ही नहीं जेटली ने इस सिलसिले में एक याचिका दायर की है। हाई कोर्ट ने इस पर केजरीवाल को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

दरअसल जेटली का आरोप है कि हलफनामे में केजरीवाल ने गलत बयानी की है। गौरतलब है कि केजरीवाल ने दावा किया था कि उन्होंने अपने वकील को केन्द्रीय मंत्री अरुण जेटली के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने के लिए नहीं कहा था।

बता दें कि कुछ दिनों पहले ही राम जेठमलानी ने इस बात का खुलासा किया था कि केजरीवाल ने ही अरुण जेटली को अपशब्द कहने के लिए कहा था। हालांकि इसके बाद खुद जेठमलानी ने इससे इनकार कर दिया था।

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जेटली की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव नायर और संदीप सेठी ने अदालत से अनुरोध किया कि उन्हें गलत बयानी और हलफमाने में झूठी जानकारी देने के कारण केजरीवाल के खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज करने की अनुमति दी जाए।

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जस्टिस मनमोहन ने इस संबंध में केजरीवाल को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में उनसे जवाब मांगा है। उन्होंने मामले की अगली सुनवाई 11 दिसंबर को तय की है।

गौरतलब है कि जेटली ने केजरीवाल सहित आम आदमी पार्टी के अन्य नेताओं के खिलाफ 10 करोड़ रुपये के मानहानि का मुकदमा दायर किया है। केजरीवाल के वकील जेठमलानी ने 17 मई को इस मामले की  सुनवाई के दौरान जेटली के लिए ‘धोखेबाज’ शब्द का इस्तेमाल किया था। इस दौरान जेटली और उनके बीच तीखी बहस हुई थी। यहां तक कि अदालत ने भी जेठमलानी द्वारा इस्तेमाल किए गए शब्दों को लेकर आपत्ति जताई थी।

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इसके बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली हाई कोर्ट में दिए हलफनामे में कहा था कि उन्होंने अपने खिलाफ दायर मानहानि के मामले में केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियों का इस्तेमाल करने का वकील राम जेठमलानी को निर्देश नहीं दिया था।

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