वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या का अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है। मीडिया से बातचीत करते हुए लंकेश के भाई इंद्रजीत ने कहा है कि, ‘बहन की हत्या की जांच सभी एंगल से होनी चाहिए।’ इंद्रजीत लंकेश ने कहा कि उन्हें नक्सलियों से भी धमकी मिली थी। गौरी नक्सलियों को मुख्यधारा में लाने की अगुवाई कर रहीं थी और कुछ को जोड़ने में सफल भी हुई थी। उनकी यह बात नक्सली पसंद नहीं करते थे। जिसकी वजह से उन्हें लगातार धमकी भरी चिट्ठी और ईमेल भी आते थे। बता दें इंद्रजीत एक कन्नड फिल्म के फिल्ममेकर, डायरेक्टर और प्रोड्यूसर भी हैं।
हालांकि कर्नाटक सरकार ने हत्या के मामले की जांच के लिए एसआईटी (स्पेशल इंवेस्टगेशन टीम) टीम गठित की है। बता दें 5 सितंबर को कन्नड भाषा की एक पत्रिका के सम्पादक और लेखक गौरी लंकेश के ही घर में घुसकर तीन हमलावरों ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी। लंकेश एक मशहूर कन्नड़ पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता भी थीं जो खासकर राइट विंग विचारों और उनकी पॉलिसीज का विरोध करती थी।
लंकेश की मौत पर सियासी संग्राम-
जैसा कि लंकेश की हत्या को लेकर कल भारत के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। लोग सड़कों पर उतरें और न्याय की गुहार लगाई। वहीं दूसरी तरफ लंकेश की हत्या के बाद कर्नाटक में सियासी संग्राम शुरू हो गया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि लंकेश की हत्या वैचारिक मतभेदों की वजह से हुई है। दूसरी ओर बीजेपी ने कांग्रेस के शासन काल में राज्य में हुई संदिग्ध हत्याओं और मौतों की लिस्ट जारी कर सिद्धारमैया सरकार पर हमला बोला है। पार्टी ने मामले में सीबीआई जांच की मांग की है । जबकि केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने राहुल के बयानों को लेकर निशाना साधते हुए कहा कि, भाजपा और प्रधानमंत्री के ख़िलाफ़ फर्ज़ी आरोप लगाना उनकी पार्टी के प्रति अन्याय और लोकतंत्र के लिए नुकसानदेह है।
इसे भी पढ़ें – कन्नड़ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या, मुख्यमंत्री ने कहा लोकतंत्र की हत्या
इससे पहले कन्नड़ साहित्य के विद्धान और हंपी में कन्नड़ यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर रहे एमएम कलबुर्गी की 30 अगस्त 2015 को हत्या कर दी गई। कलबुर्गी को उनके शोध लेखों पर आधारित किताब मार्ग 4 के लिए साहित्य अकादमी से सम्मानित किया गया था। कलबुर्गी लिंगायत समाज की एक प्रगतिशील आवाज थे और हिंदुओं में व्याप्त कुरीतियों के खिलाफ बेबाक रूप से बोलते थे।
इससे पहले कर्नाटक में कई बीजेपी नेताओं की हत्या के वारदात सामने आए थे। 15 अगस्त 2017 को बोम्मानहाली म्युनिसिपल काउंसिल के बीजेपी सदस्य और दलित नेता श्रीनिवास प्रसाद उर्फ कीथागनहल्ली वासु की बेंगलुरु में हत्या कर दी गई । बीते दो सालों में बीजेपी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिंदू परिषद के 10 नेताओं की हत्या हुई है।