अर्थव्यस्था और गिरती हुई जीडीपी पर विपक्ष और उन तमाम लोगों को जो इसपर प्रश्न उठा रहे थे उन्हें अब पीएम मोदी ने मुंहतोड़ जवाब दिया है। पीएम मोदी ने पलटवार करते हुए कहा कि देश की अर्थव्यवस्था उतनी खराब नहीं जितनी बताई जा रही है। उन्होंने कहा कुछ लोगों को सरकार के अच्छे काम पसंद नहीं आ रहे हैं इसलिए निगेटिव माहौल बनाने की कोशिश हो रही है लेकिन ये बात नई नहीं हैं।

विज्ञान भवन में इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज के स्वर्ण जयंती समारोह को संबोधित करते हुए पीएम ने बुधवार को पहली बार चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि देश में आर्थिक मंदी सिर्फ निराशावादियों के दिमाग की उपज है। पीएम मोदी ने कहा, पिछली सरकार में कम से कम आठ बार विकास दर 5.7 फीसदी से नीचे गई, तब इन निराशावादियों को कुछ नजर नहीं आया, लेकिन उनकी सरकार में पहली बार किसी एक तिमाही में विकास दर में कमी क्या आई, उन लोगों ने आसमान ही सिर पर उठा लिया। ऐसे आलोचक देश हित नहीं, किसी और का हित साध रहे हैं।

तमाम आलोचनाओं का जवाब देते पीएम ने कहा कि आलोचकों को सिर्फ तिमाही की सुस्ती दिख रही है लेकिन यह नजर नहीं आ रहा कि पिछली सरकार में महंगाई की दर 10 फीसदी थी जो घटकर 2.5 फीसदी रह गई है। चालू खाता घाटा 4 से घटकर एक फीसदी हो गया है और राजकोषीय घाटा 5.7 से कम होकर 4.5 फीसदी पर पहुंच गया है।

विपक्ष को सीधे उन्हीं के शब्दों में जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आलोचक भूल गए हैं कि उनकी सरकार भारत को सबसे कमजोर पांच अर्थव्यवस्थाओं की कतार से निकालकर सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में शुमार कर चुके हैं।

इसके अलावा पीएम जीएसटी पर भी बोले। पीएम ने जीएसटी के मुद्दे पर कहा कि ज़रूरत पड़ी तो वो इसमें बदलाव के लिए भी तैयार है। पीएम ने कहा कि इससे बदलती हुई देश की इस अर्थव्यवस्था में अब ईमानदारी को प्रीमियम मिलेगा, ईमानदारों के हितों की सुरक्षा की जाएगी। पीएम नरेंद्र मोदी ने इसे अर्थव्यवस्था में ईमानदारी का नया दौर बताया और कहा कि अब काले धन का लेन-देन करने से पहले लोगों को 50 बार सोचना पड़ता है।

विदेशी निवेश पर बातचीत करते हुए पीएम ने कहा कि आज विदेशी निवेशक भारत में रिकॉर्ड निवेश कर रहे हैं। विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार इजाफा हो रहा है। यह सोचने की जरूरत है कि कुछ लोग देश हित साध रहे हैं या किसी और का हित।

गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों में यशवंत सिन्हा, मनमोहन सिंह और अरुण शौरी जैसे लोगों ने गिरती हुई जीडीपी और बढ़ती हुई महंगाई पर मोदी सरकार के फैसलों की निंदा की थी।

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