चुनाव आयोग पूरे देश में एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराए जाने को लेकर तैयार है। हालांकि इसके लिए सरकार जरूरी संवैधानिक शर्तों को पूरा करे।

भोपाल में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा कि सभी चुनाव एक साथ कराने के लिए चालीस लाख ईवीएम और वीवीपैट मशीनों की जरुरत होगी। इन मशीनों और अन्य संसाधनों की पूर्ति होने पर चुनाव आयोग एक साथ चुनाव कराने में सक्षम होगा। इसके साथ केंद्र सरकार को एक साथ चुनाव के लिए जरूरी विधायी प्रावधान भी बनाने होंगे ताकि कोई संवैधानिक अड़चन ना पैदा हो। रावत ने बताया कि केंद्र के अनुरोध पर जरुरी मशीनों और संसाधनों की जानकारी सरकार को भेज दी गई है।

रावत ने कहा कि ‘ सरकार की तरफ से ईवीएम मशीनों के लिए 12 हजार करोड़ और वीवीपैट मशीनों के 3400 करोड़ रुपये की राशि दे दी गई है और इन संसाधनों की मदद से चुनाव आयोग सितंबर, 2018 तक दो बड़े चुनाव एक साथ कराने के लिए सक्षम हो जाएगा। लेकिन बाकी का काम संविधान संशोधन के जरिए ही  संभव है, जिसे सरकार को ही करना होगा। निर्वाचन आयोग इस पर अलग से कोई फैसला नहीं ले सकता।’

वहीं फर्जी और डुप्लीकेट मतदाताओं पर नियंत्रण लगाने के लिए आयोग ने ‘ईआरओ’ नाम के नेट एप की शुरुआत की। इसके तहत किसी नए मतदाता का मतदाता सूची में नाम जोड़ने का आवेदन आने पर उसका ब्यौरा ईआरओ नेट एप पर डाला जाएगा और यदि उस मतदाता का नाम पहले से ही कहीं और रजिस्टर्ड है तो उसकी जानकारी यह एप दे देगा। इस एप की मदद से एक मतदाता का नाम कई जगह होने की समस्या से निजात मिलेगी। गौरतलब है बीते साल पूरे देश में तीस लाख डुप्लीकेट मतदाताओं की पहचान की गई थी।

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