हैवानियत की सारी हदें पार करने वाले एक मामले का खुलासा हुआ है जहां एक निजी अस्पताल के गुस्साए कर्मचारी ने अपनी अमानवीयता का परिचय देते हुए एक नवजात बच्चे का पैर तोड़ दिया।
उत्तराखंड के रुड़की की इस चौंका देने वाली घटना का खुलासा तब हुआ, जब अस्पताल में लगे सीसीटीवी कैमरा की फुटेज को चैक किया गया। दरअसल,रुड़की के गांव बेलड़ी में एक नवजात बच्चे को सांस लेने में दिक्कत आ रही थी जिसकी वजह से बच्चे के माता पिता ने उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया जहां उसे आईसीयू में रखा गया।
खबर के मुताबिक कर्मचारी आईसीयू में काम कर रहा था और बच्चा रो रहा था। उसने बच्चे को चुप कराने के लिए पलट कर लिटा दिया ताकि उसके रोने की आवाज कम आए। लेकिन बच्चा जब भी चुप न हुआ तो कर्मचारी गुस्से से आग-बबूला हो गया और उसने 3 दिन के मासूम बच्चे का पैर तोड़ दिया।
बच्चे की हालत खराब देखकर उसे जब देहरादून के अस्पताल ले जाया गया तो ज्ञात हुआ कि बच्चे की पैर की हड्डी टूट चुकी है। उसके बाद सीसीटीवी की जांच होने पर सनसनीखेज मामला सामने आया वहीं पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाही शुरु कर दी।
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