आज पीएम ने मन की बात का 40वां एपिसोड किया। यह एपिसोड इसलिए भी खास था क्योंकि यह नए साल का पहला संस्करण है। इस नए साल में पीएम मोदी ने नारी सशक्तिकरण पर खासा जोर दिया। उन्होंने कहा कि नारी शक्ति देश, समाज को हमेशा एकता के सूत्र में बांधती है। नारी शक्ति हमेशा प्रेरित करती आयी है। पुराणों में कहा गया है कि एक बेटी दस बेटों के बराबर है। इसके अतिरिक्त पीएम ने पद्म पुरस्कार की प्रक्रिया पर भी सवाल उठाते हुए तंज कसे। उन्होंने कहा कि पहले शक्ल देखकर पुरस्कार दिए जाते थे लेकिन अब प्रतिभा देखकर पुरस्कार दिए जाते हैं। उन्होंने प्रवासी भारतीयों को भी याद किया और कहा कि जहां-जहां भारतीय हैं उन्होंने देश का मान बढ़ाया है।

 

पीएम ने कल्पना चावला को याद करते हुए कहा कि  ‘यह दुख की बात है कि हमने कल्पना चावला जी को इतनी कम उम्र में खो दिया, लेकिन उन्होंने अपने जीवन से पूरे विश्व में, खासकर भारत की हजारों लड़कियों को, यह संदेश दिया कि नारी-शक्ति के लिए कोई सीमा नहीं है। पीएम ने कहा कि कल्पना चावला ने पूरी दुनिया की महिलाओं को प्रेरित किया है।’ पीएम ने कहा कि सशक्तिकरण आत्मनिर्भरता का ही एक रूप है। हर क्षेत्र में ‘फर्स्ट लेडीज’  हमारी नारी-शक्तियों ने समाज की रूढ़िवादिता को तोड़ते हुए असाधारण उपलब्धियाँ हासिल की, एक कीर्तिमान स्थापित किया। तीन बहादुर महिलाएँ भावना कंठ, मोहना सिंह और अवनी चतुर्वेदी फाइटर्स पायलट्स बनी हैं और सुखोई 30 में प्रशिक्षण ले रही हैं। पीएम ने कहा कि यह देखकर काफी खुशी होती है कि भारत में आज महिलाएं तेजी से आगे बढ़ रही हैं। वेदों की रिचाओं को गढ़ने में देश की बहुत सारी विदुषियों का योगदान रहा है। हमारे स्कंद पुराण में कहा गया है, ‘दस पुत्रम समा कन्या।’

पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ में आगे कहा कि प्रधानमंत्री की जन औषिधि योजनाओं से लोगों को लाभ मिल रहा है। जन औषिधि योजनाओं से दवाइयां सस्ती मिल रही हैं। पीएम ने कहा कि मोरना नदी पर सफाई का अभियान सराहनीय है। उऩ्होंने कहा कि मुझे पता चला कि अकोला के नागरिकों ने ‘स्वच्छ भारत अभियान’ के तहत मोरना नदी को साफ़ करने के लिए स्वच्छता अभियान का आयोजन किया था। उनके इस नेक कार्य में अकोला के छह हज़ार से अधिक नागरिकों, सौ से अधिक एनजीओ, छात्र, बच्चे, बुजुर्ग, माताएं-बहनें हर किसी ने इसमें भाग लिया। इससे साबित होता है कि अगर कोई इंसान ठान ले तो कुछ भी असंभव नहीं है।

पीएम मोदी ने कहा कि  ‘आपने नाम सुना होगा मध्य प्रदेश के भज्जूश्याम के बारे में, वे जीवन यापन के लिए सामान्य नौकरी करते थे लेकिन उनको पारम्परिक आदिवासी पेंटिंग बनाने का शौक था। आज इसी शौक की वजह से इनका भारत ही नहीं, पूरे विश्व में सम्मान है।’  उन्होंने कहा कि मेरे प्यारे देशवासियो, हर वर्ष 9 जनवरी को हम प्रवासी भारतीय दिवस मनाते हैं. इस दिन हम भारत और विश्व भर में रह रहे भारतीयों के बीच,अटूट-बंधन का जश्न मनाते हैं यूरोपीय संघ, यूरोपियन यूनियन ने मुझे कैलेंडर भेजा है जिसमें उन्होनें यूरोप के विभिन्न देशों में रह रहे भारतीयों द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में उनके योगदानों को  दर्शाया है। यानी जहाँ भी हमारे लोग हैं, उन्होंने वहाँ की धरती को किसी न किसी तरीके से सुसज्जित किया है। पीएम ने पद्म पुरस्कारों की बात भी की और कहा कि ‘पश्चिम बंगाल की 75 वर्षीय सुभासिनी मिस्त्री को भी पुरस्कार के लिए चुना गया। सुभासिनी मिस्त्री एक ऐसी महिला हैं, जिन्होंने अस्पताल बनाने के लिए दूसरों के घरों में बर्तन साफ किए और सब्जी बेची।’  पीएम ने महात्मा गांधी को याद करते हुए कहा, ’30 जनवरी को पूज्य बापू की पुण्य-तिथि है, जिन्होंने हम सभी को एक नया रास्ता दिखाया है। उस दिन हम शहीद दिवस मनाते हैं। अगर हम संकल्प करें कि बापू के रास्ते पर चलें -जितना चल सके, चलें- तो उससे बड़ी श्रद्धांजलि क्या हो सकती है?’

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