तमाम विवादों के दरम्यान आखिरकार कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए नामांकन कर दिया । इस मौके पर तमाम सीनियर नेता उनके साथ कांग्रेस मुख्यालय पर मौजूद थे। आज नामांकन का आखिरी दिन था।  राहुल के नामांकन के लिए कुल 90 सेट दाखिल होने थे, जिसके हर सेट में दस प्रस्तावक हैं। अहमद पटेल, मोतीलाल वोहरा, शीला दीक्षित, नारायणसामी, तरुण गोगोई, कमलनाथ, अशोक गहलोत सब प्रस्तावक बने हैं। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, सोनिया गांधी भी राहुल के प्रस्तावक बने हैं।

नामांकन से पहले राहुल ने अपनी मां सोनिया गांधी का आशीर्वाद भी लिया था। नामांकन के लिए पहुंचने पर कई सीनियर नेताओं ने उनका गले लगाकर स्वागत किया था। इस मौके पर मनमोहन सिंह ने राहुल को साहसिक बताते हुए कहा कि वह कांग्रेस पार्टी को और आगे लेकर जाएंगे। राहुल के जीजा राबर्ट वाड़्रा ने भी एक फेसबुक पोस्ट के जरिए राहुल गांधी को शुभकामनाएं दी है।

लेकिन इसके पहले से बीजेपी इसे वंशवाद बताकर लगातार कांग्रेस को घेर रही थी। बीजेपी के इन आरोपों पर पलटवार करते हुए अय्यर ने कहा, ‘जब शाहजहां ने जहांगीर की जगह ली थी क्या तब चुनाव हुए थे? जब औरंगजेब ने शाहजहां की जगह ली तब चुनाव हुए? यह सब जानते हैं कि जो बादशाह है उसकी संतान को सत्ता मिलेगी।’ इस बयान के कुछ देर बाद ही जब पीएम मोदी ने गुजरात में चुनावी रैली की तो अय्यर के बयान के जरिए राहुल की ताजपोशी पर हमला बोला और इसे औरंगजेब राज बताया। बाद में अय्यर ने अपने बयान की सफाई दी।

कांग्रेस पार्टी के अंदर से भी राहुल की ताजपोशी को लेकर सवाल उठे थे। शहनाज पूनावाला ने कांग्रेस में लोकतंत्र पर ही सवाल खड़े कर दिए थे। आज भी उन्होंने एक ट्वीट कर राहुल गांधी पर तंज कसा है….

बहरहाल, राहुल का चुनाव मात्र औपचारिकता है क्योंकि पार्टी के शीर्ष पद के लिए कोई अन्य उम्मीदवार मैदान में नहीं है। राहुल पार्टी की अध्यक्ष अपनी मां सोनिया गांधी का स्थान लेंगे जिन्होंने सबसे लंबे समय तक कांग्रेस प्रमुख का पद संभाला है। सोनिया गांधी ने 1998 में कांग्रेस के अध्यक्ष का पद ग्रहण किया था।

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