मोदी सरकार के लिए कश्मीर की समस्या फिर से खड़ी हो गई है। नोटबंदी के बाद जो मोदी सरकार कहते नहीं थक रही थी कि नोटबंदी से पत्थरबाजी में कमी आई है, वो पत्थरबाजी का दौर अब फिर से वापस आ गया है। जम्मू कश्मीर के शोपियां जिले में शनिवार को सेना के जवानों और पत्थरबाजों के बीच मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ में दो नागरिकों की मौत हो गई। सेना के मुताबिक पत्थरबाजों की भीड़ बढ़ती ही जा रही थी, इसलिए मजबूरन सेना को जवाबी कार्रवाई में गोलियां चलानी पड़ी जिससे दो लोगों की मौत हो गई। हालांकि, सूबे की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं।

यह घटना श्रीनगर से क़रीब 60 किलोमीटर दूर ज़िला शोपियां के गनोपोरा इलाके में हुई है। जहां शनिवार क़रीब चार बजे इलाक़े में सेना की एक टुकड़ी इलाक़े से गुज़र रही थी जिन पर इलाके के कुछ युवाओं ने पत्थर मारे और जवाबी करवाई में सेना ने प्रदर्शनकारियों पर फ़ायरिंग की। मारे गए युवाओं की पहचान 20 वर्ष के जावेद अहमद और 24 वर्षीय सुहैल जावेद के रूप में हुई है। खबरों के मुताबिक, 200 पत्थरबाजों ने सेना के काफिले को घेर लिया, बचाव में सेना की फायरिंग में दो नागरिकों की मौत हो गई तो वहीं सात अन्य घायल हो गए। भीड़ ने सेना के एक अधिकारी को घेरकर मारने और कई गाड़ियों को जलाने का प्रयास भी किया। अधिकारियों के मुताबिक, एक अन्य व्यक्ति की स्थिति गंभीर बनी हुई है जिसे श्रीनगर के अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

इस घटना के बाद इलाके में काफ़ी तनाव है। पुलिस ने दो युवाओं की फ़ायरिंग में मरने की पुष्टि की है।  इस वाकये से गुस्साईं जम्मू-कश्मीर की सीएम  महबूबा मुफ्ती ने केंद्रीय रक्षा मंत्री  से बात की और कहा कि हर एक नागरिक की मौत पर घाटी में चल रही शांति वार्ता को झटका लगता है। इस पर मंत्री ने मुफ्ती को आश्वस्त किया और कहा है कि उचित कार्रवाई की जाएगी।

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