संसद में केंद्र सरकार की तरफ से कल पेश हुए अंतरिम बजट के बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इसे निरस्त करने का मांग की गई है। याचिका में तर्क दिय गया कि अंतरिम बजट का संविधान में कोई प्रावधान नहीं है। अधिवक्ता मनोहर लाल शर्मा द्वारा दायर याचिका में कहा गया कि संविधान के तहत, केवल पूर्ण वार्षिक बजट और लेखानुदान पेश करने का प्रावधान है।

याचिका में कहा गया है कि लेखानुदान चुनावी वर्ष में सीमित अवधि के लिए सरकारी खर्च को मंजूरी देना होता है। बाद में नई चुनी हुई सरकार पूर्ण बजट पेश करती है। लोकसभा में वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को अंतरिम बजट पेश किया जिसमें मध्यम वर्ग और किसानों के लिए कई लुभावनी घोषणाएं की गईं। इसी साल कुछ महीनों में लोकसभा चुनाव होने हैं।

बता दें, शुक्रवार को पेश केंद्र सरकार का अंतरिम बजट निम्न और लोअर मिडिल इनकम ग्रुप्स के लिए खास सौगात लाया है। वेतनभोगी और पेंशनर्स के लिए बजट 2019 के प्रस्तावों का सबसे बड़ा फायदा टैक्स का बोझ कम होना है। बजट प्रस्ताव में 5 लाख रुपये तक की टैक्सेबल इनकम पर टैक्स खत्म कर दिया गया है।

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