Pashupatinath Temple: नेपाल के प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर के कपाट 11 फरवरी से श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। श्रद्धालुओं को कोरोना के सभी प्रोटोकॉल का पालन करना पड़ेगा। मंदिर में प्रवेश के लिए एक बार में केवल 50 भक्तों को ही अंदर जाने की अनुमति दी जाएगी। बता दें कि लगातार कोरोना के मामलों के बढ़ने के चलते मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए गए थे। इस दौरान केवल मंदिर के पुजारी ही पूजा-अर्चना करते थे। नेपाल सरकार के दिशा-निर्देश पर प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर बंद किया गया था। लेकिन एक बार फिर पशुपतिनाथ मंदिर खोला जा रहा है।
Pashupatinath Temple: कहां है प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर?
पशुपतिनाथ मंदिर नेपाल के काठमांडू के पूर्वी भाग में बागमती नदी के तट पर स्थित है। इस भव्य मंदिर को यूनेस्को(UNESCO) की विश्व धरोहर(World Heritage Site) में शामिल किया गया है। इस मंदिर में भगवान शिव की पांच मुख वाली एक प्रतिमा स्थापित है। बता दें कि इस प्रतिमा का मुख चारों दिशाओं के साथ-साथ एक मुख ऊपर की तरफ भी है। कहा जाता है कि भगवान शिव के यह पांचों मुख अलग-अलग दिशाओं और गुणों को दर्शाते हैं। जिसमें शिव के पश्चिम दिशा वाले मुख की पूजा हर दिन की जाती है। भगवान शिव के पश्चिम दिशा वाले उस मुख को सद्ज्योत के नाम से जाना जाता है।
पूर्व दिशा की तरफ मुख वाली प्रतिमा को तत्पुरुष और उत्तर दिशा वाले मुख को वामवेद के नाम से जाना जाता है। वहीं दक्षिण दिशा वाले मुख को अघोरा कहा जाता है और इन सभी के अलावा जो ऊपर के दिशा की ओर मुख है उसे ईसान कहां जाता है। बता दें कि पशुपतिनाथ मंदिर में प्रवेश करने के लिए चार प्रवेश द्वार बनाए गए हैं जिनमें से मुख्य द्वार में से केवल हिंदू लोगों को ही प्रवेश दिया जाता है। मुख्य द्वार से गैर हिंदुओं का प्रवेश वर्जित है। पशुपतिनाथ मंदिर में पशुपतिनाथ की पूजा का समय सुबह 9:00 बजे से सुबह 11:00 बजे तक है। इस बीच के समय में मंदिर के सभी द्वार खोल दिए जाते हैं। इस मंदिर में खास बात यह है कि अभिषेक के लिए भक्तों को पर्ची लेनी पड़ती है और प्रतिमा के जिस मुख का जिक्र पर्ची में होता है, उसी तरफ वाले मुख के सामने अभिषेक किया जाता है।
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