संसद का शीतकालीन सत्र अब 15 दिसंबर से शुरू होगा और पांच जनवरी तक चलेगा। आज गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली संसदीय बैठक के बाद यह फैसला लिया गया। बैठक में फैसला लिया गया कि शीत कालीन सत्र 14 दिन का होगा जो 15 दिसम्बर से 5 जनवरी तक चलेगी।

बता दें कि आज सुबह 10 बजे केंद्र सरकार ने संसदीय मामलों की कैबिनेट कमेटी (CCPA) की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में शीतकालीन सत्र की तारीख का ऐलान किया गया। संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने संसद सत्र को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पहले भी चुनाव होते रहे हैं। चुनाव और संसद का सत्र ओवरलेप ना करे इसलिए इस बार इसका ध्यान हमेशा रखा गया है। अनंत कुमार ने कहा कि “पहले भी यह तारीख आगे पीछे  की जाती रही है। इसलिए हमने भी राज्यों के चुनाव होने के बाद 15 दिसंबर से संसद का सत्र शुरू करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, ‘हम जो महत्वपूर्ण बिल सत्र में लाएंगे विपक्ष उन्हें पास करने में सहयोग दें।

गौरतलब है कि आम तौर पर शीतकालीन सत्र नवंबर के तीसरे हफ्ते में शुरू होता है। बीते साल शीतकालीन सत्र 16 नवंबर से शुरू होकर 16 दिसंबर तक चला था। इस बार दो राज्यों में चुनावी प्रक्रिया जारी रहने की वजह से शीतकालीन सत्र को लेकर सरकार ने चुप्पी साध रखी थी। जिसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शीतकालीन सत्र को बुलाए जाने में हो रही देरी को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा था। उनका आरोप है कि सरकार भ्रष्टाचार से जुड़े मुद्दों पर विपक्ष के सवालों से बचना चाहती है।

कांग्रेस पर चुटकी लेते हुए जेटली ने कहा कि गुजरात चुनाव बीजेपी के लिए महत्वपूर्ण है और वह वहां प्रचार में व्यस्त रहेगी लेकिन वे इस बात के प्रति आश्वस्त नहीं है कि विपक्ष भी वहां प्रचार में व्यस्त होगा। यह पूछे जाने पर कि क्या सत्र दिसंबर से जनवरी तक चलेगा और राष्ट्रपति के संबोधन के बिना होगा, तो जेटली ने कहा कि इस विषय का निपटारा बहुत पहले हो चुका है।

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